
नई दिल्ली: 2015 में बिहार में हुए महागठबंधन के बाद उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए महागठबंधन को मिली अच्छी सफलता ने कांग्रेस को गठजोड़ की राजनीति के प्रति और गंभीर कर दिया है. पार्टी सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ 400 से 450 लोकसभा सीटों पर गठबंधन कर सकती है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस बारे में गंभीरता से काम शुरू कर दिया है. पार्टी इसी महीने अलग-अलग दलों से बातचीत करने के लिए वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में कमेटियां गठित करने जा रही है. राहुल गांधी के विदेश से लौटने के बाद इस बारे में तेजी से काम शुरू हो जाएगा.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि परिस्थितियों के साथ राहुल गांधी ने अपनी नीतियों में लचीलापन लाने का फैसला किया है. जो राहुल गांधी आज से 5 साल पहले गठबंधन को कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल बताते थे, वही इस समय गठबंधन के सबसे बड़े समर्थक बनकर उभरे हैं. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी , राष्ट्रीय लोकदल के साथ है, बिहार में लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल से पार्टी के घनिष्ठ संबंध बन गए हैं. महाराष्ट्र में भी शरद पवार की एनसीपी लंबे समय बाद कांग्रेस के साथ आ गई है. पार्टी को कर्नाटक में पहले ही जेडीएस का साथ मिल चुका है.