“गंगा-जमुनी तहजीब, औद्योगिक विकास और सद्भाव, सौहार्द्र को संजोते हुए तेज़तर्रार नेतृत्व”
रिपोर्ट:सैयद रिजवान मुस्तफा
बाराबंकी, लखनऊ से पूरब में चलें तो दस मिनट की ड्राइव पर लखनऊ ख़त्म और बाराबंकी शुरु हो जाता है। उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला, अपनी गंगा-जमुनी तहजीब, शांतिपूर्ण माहौल, धार्मिक सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। देवा और महादेवा वाला बाराबंकी। आजकल डीएम सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में यह जिला अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के साथ साथ औद्योगिक और सामाजिक विकास की दिशा में भी तेज़ी से बढ़ रहा है। डीएम की ईमानदार और कड़क कार्यशैली ने जिले में अपराध और भ्रष्टाचार पर लगाम लगा दी है और उनकी संवेदनशीलता और कुशल रणनीति ने जिले की 40 लाख आबादी के बीच एक सुकून और भरोसे का माहौल पैदा किया है।
दंगा भड़काने की साजिश और त्वरित कार्रवाई:
हाल ही में बहराइच और बाराबंकी के कस्बा इचौली में जुलूस के दौरान अभद्रता और दंगा भड़काने की कोशिश की गई थी। लेकिन डीएम सत्येंद्र कुमार की कड़ी और त्वरित कार्यवाही ने बाराबंकी में स्थिति को काबू में रखा। उन्होंने पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई और संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखते हुए दंगाइयों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। उनके त्वरित निर्णय और सूझबूझ से बाराबंकी को किसी भी बड़े संकट से बचाया गया। उनकी यह कार्यशैली न केवल जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में कारगर रही, बल्कि बाराबंकी में उनके प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ाया।
बाराबंकी के लिए बडी उपलब्धि, देश में नशे के खिलाफ़ अग्रणी रहना
बाराबंकी एक ज़माने में पूरे विश्व में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए बदनाम रहा ,लेकिन डीएम सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जाने वाले नशीली दवाओं और ड्रग्स के रोकथाम में पूरे भारत में टॉप करने का गर्व हासिल किया। राष्टीय बाल संरक्षण आयोग ने 27 जून को दिल्ली के विज्ञान भवन में इसी उपलब्धि पर डीएम सत्येंद्र कुमार को सम्मानित भी किया गया। यह बाराबंकी के लिए बहुत बडी उपलब्धि है, उनके प्रयासों से बाराबंकी पूरे देश में नशे के खिलाफ़ अग्रणी हो गया है।
आपसी सद्भाव और प्रेम भाव को बढ़ावा
बाराबंकी की गंगा-जमुनी तहजीब को संजोना, उसे सशक्त बनाव के प्रयास करना डीएम सत्येंद्र कुमार की प्राथमिकताओं में से एक है। जिले के ऐतिहासिक स्थलों जैसे महादेवा और देवा शरीफ, जो हिंदू-मुस्लिम एकता और सांप्रदायिक सौहार्द्र के प्रतीक हैं, इस पर उन्होंने विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने इन स्थलों की सुरक्षा को मजबूत किया है और वहां सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित करके समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया है। यह कदम न केवल सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि जिले के लोगों के बीच आपसी भाईचारे और शांति का भी प्रतीक है।
औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन का प्रयास:
ऐसा नहीं है कि डीएम सत्येंद्र कुमार का ध्यान सिर्फ शांति और सुरक्षा पर ही रहे, उन्होंने बाराबंकी को औद्योगिक हब बनाने के लिए भी खूब प्रयास किए हैं, ये प्रयास सतत रूप से जारी भी हैं। उन्होंने जिले में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। उनके प्रयासों से जिले में नए उद्योगों के लिए वातावरण तैयार हो रहा है, जिससे जिले की आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है। सत्येंद्र कुमार का उद्देश्य है कि बाराबंकी को एक औद्योगिक स्थल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े और वे अपने जिले में ही एक समृद्ध जीवन जी सकें।
बुजुर्गों का सम्मान और नवजवानों के साथ संवाद:
डीएम सत्येंद्र कुमार का प्रशासनिक दृष्टिकोण संतुलित और समावेशी है। वे बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और नवजवानों को प्यार और समझदारी से गाइड करते हैं। उनका मानना है कि जिले के विकास के लिए बुजुर्गों का अनुभव और नवजवानों की ऊर्जा, दोनों की आवश्यकता है। वे नियमित रूप से सुबह दस बजे से 12 बजे तक नियमित रूप से जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जहां वे बुजुर्गों की समस्याएं सुनते हैं और उनके अनुभवों का लाभ उठाते हैं। साथ ही वह युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं कि वे जिले के विकास में अपनी भूमिका निभाएं। उनके इस समावेशी दृष्टिकोण से बाराबंकी की जनता को एक सुकून और विश्वास का अहसास होता है।
महादेवा और देवा शरीफ:
बाराबंकी सांस्कृतिक धरोहर का संगम है। महादेवा और देवा शरीफ, बाराबंकी के सांस्कृतिक धरोहर के दो प्रमुख स्थल हैं। महादेवा हिंदू धर्म के अनुयायियों का आस्था केंद्र है, जबकि देवा शरीफ सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। सत्येंद्र कुमार ने इन दोनों स्थलों के संरक्षण के लिए कई प्रकार की पहल की हैं। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त किया और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न समुदायों के बीच संवाद कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजन किए। उनका उद्देश्य इन स्थलों की पवित्रता को बनाए रखना और इनके माध्यम से समाज में एकता और शांति का संदेश फैलाना है।
भू-माफिया और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही:
बाराबंकी जिले में भू-माफियाओं और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाना डीएम सत्येंद्र कुमार के प्रशासन का एक मुख्य उद्देश्य रहा है। उन्होंने जिले में दर्जनों स्थानों पर अवैध कब्जों और जमीन घोटालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जिससे भू-माफियाओं और जमीन क़ब्ज़ाने वालों की साजिशें बेनकाब हुई हैं। उनकी ईमानदार और दृढ़ कार्यशैली ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे और कानून व्यवस्था कायम रहे।
जनसुनवाई और पारदर्शी प्रशासन:
सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में बाराबंकी प्रशासन ने जनसुनवाई कार्यक्रमों को सशक्त किया है। वे खुद मौके पर जाकर जनता की समस्याएं सुनते हैं और त्वरित समाधान का प्रयास करते हैं। उनके संवाद कौशल और समस्याओं को सुलझाने की शैली से हर फरियादी मुतमईन हो जाता है। सत्येंद्र कुमार ने यह सिद्ध किया है कि प्रशासन का उद्देश्य जनता की सेवा है, और उन्होंने पारदर्शिता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी है। इसके कारण बाराबंकी की जनता में उनके प्रति गहरा विश्वास और सम्मान है।
आर्थिक और सामाजिक योजनाओं का क्रियान्वयन:
डीएम सत्येंद्र कुमार ने जिले में कई आर्थिक और सामाजिक योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, और आयुष्मान भारत,फ्री राशन योजना जैसी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए उन्होंने सुनिश्चित किया है कि सभी योग्य लाभार्थियों को समय पर सुविधाएं मिलें। उनकी कार्यशैली से जिले में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है।
बाराबंकी के डीएम सत्येंद्र कुमार ने अपनी कड़क कार्यशैली, प्रशासनिक कुशलता, और संवेदनशीलता से जिले में शांति, सुरक्षा, और विकास को बनाए रखा है। उनकी कोशिशें बाराबंकी को एक आदर्श औद्योगिक स्थल बनाने, गंगा-जमुनी तहजीब को संजोने, और हर व्यक्ति को न्याय दिलाने की दिशा में निरंतर हैं। उनके प्रयासों से जिले की जनता को एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य का विश्वास हो रहा है। सत्येंद्र सिंह जैसे अधिकारियों के नेतृत्व में बाराबंकी न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में एक मिसाल बन सकता है।