
तहलका टुडे टीम
लखनऊ,उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं।समीक्षा बैठक में, उन्होंने कहा कि हर हाल में महाकुंभ से पहले इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण पूरा किया जाना चाहिए।
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होगा, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु स्नान के लिए उपस्थित होंगे। ऐसे में गंगा एक्सप्रेसवे की जरूरत और भी अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मेरठ से प्रयागराज के बीच 594 किलोमीटर की दूरी को कम करेगा और यात्रा को सुगम बनाएगा। मंत्री नंदी ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य न केवल यात्रा की अवधि को कम करना है, बल्कि यह 12 जनपदों को आपस में भी जोड़ेगा, जिससे पूरे क्षेत्र का विकास होगा।

बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे की धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए मंत्री नंदी ने अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “इस कार्य को महाकुंभ से पहले हर हाल में पूरा किया जाए ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के यहां आ सकें और पुण्य अर्जित कर सकें।”
इसके साथ ही, उन्होंने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के बचे हुए 1.5 प्रतिशत कार्य को भी जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे का 98.5 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और 30 अक्टूबर 2024 तक इसका काम समाप्त करने का लक्ष्य है। मंत्री ने आश्वासन दिया है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन नवंबर या दिसंबर में हो सकता है।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का महत्व
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91.35 किलोमीटर लंबा है और इसकी निर्माण लागत 7,283 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर को लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंत्री नंदी ने अधिकारियों से इस परियोजना के अंतिम चरण को जल्दी पूरा करने का अनुरोध किया, ताकि इसका उद्घाटन निर्धारित समय पर किया जा सके।
बलिया और औद्योगिक कॉरिडोर की योजनाएँ
बैठक में बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होने की जानकारी भी दी गई। इसके तहत संबंधित क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, प्रदेश में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास के लिए भी 29 जनपदों में 8,000 एकड़ भूमि खरीदी जा चुकी है, जबकि कुल 12,000 एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री नंदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, और गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 28 जनपदों में औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को शेष भूमि को जल्द से जल्द क्रय करने के निर्देश दिए।

उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की प्रगति
बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के सभी 6 नोड में 1,649 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है, जिसमें से 1,301 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया जा चुका है। अभी तक 8,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है, और पांच प्लांट से उत्पादन भी शुरू हो गया है। कानपुर नोड में इजराइल की कंपनियों का निवेश के लिए आना एक सकारात्मक संकेत है, जो प्रदेश के औद्योगिक विकास में मदद करेगा।
सुरक्षा और निगरानी की पहल
मंत्री नंदी ने एक्सप्रेसवे पर चलने वाले सभी वाहनों, एम्बुलेंस और कैटल कैचर क्रेन में जीपीएस प्रणाली की सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि इन सभी वाहनों की लाइव लोकेशन यूपीडा के मुख्यालय में स्थित बोर्ड रूम में प्रदर्शित की जाए, ताकि सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके।
इस समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं सीईओ यूपीडा मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर, एसीईओ यूपीडा हरि प्रताप शाही और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर गंभीर है और सभी आवश्यक कदम उठा रही है। लेकिन क्या वास्तव में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण समय पर पूरा हो पाएगा? क्या गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन निर्धारित समय पर होगा? इन सभी सवालों के जवाब समय के साथ मिलेंगे, लेकिन राज्य की औद्योगिक और धार्मिक गतिविधियों को दिशा देने के लिए इन परियोजनाओं का सफलतापूर्वक पूरा होना अत्यंत आवश्यक है।