
तहलका टुडे टीम
बाराबंकी। सिरौलीगौसपुर स्थित संयुक्त चिकित्सालय में स्वास्थ्य प्रबंधन की बदइंतजामी और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते एक पिता को अपनी नन्ही बेटी को खोना पड़ा। यह स्थिति तब हुई जब कोरोना संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार ने मॉडल अस्पताल बनाकर बेहतर एवं प्रभावी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लागू कर रखा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की इस घोर अनियमितता से जनमानस को खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
यह बात एक प्रेस वक्तव्य के जरिए समाजसेवी व भाजपा नेता सिद्धार्थ अवस्थी ने कही।
श्री अवस्थी ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाएं तो अच्छी व उपयोगी है परन्तु उनके क्रिन्यान्वन व मूल्यांकन में भारी कमी देखी जा रही है। जिस कारण जनता को उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों का निर्वहन सुचारू रूप से नहीं करते है। सिर्फ सुर्खियों में बने रहना ही उनकी प्राथमिकता है। ऐसे में गरीबों और पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
श्री अवस्थी ने कहा कि चंद दिनों पहले सिरौलीगौसपुर में सौ बेड का संयुक्त चिकित्सालय खोला गया था। जिसके उद्घाटन में जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासन का अमला मौजूद था। आज उसी अस्पताल में इलाज के आभाव में ग्राम तासीपुर निवासी संदीप शुल्क की मासूम बेटी ने उपचार के अभाव में दम तोड़ दिया।
श्री अवस्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिलाए जाने की मांग की है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही करने वाले चिकित्सकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने की भी मांग की है।