बाराबंकी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश की जनता के उज्जवल भविष्य के लिए प्रदेश से शराब के धंधे का सर्वनाश करिए ।उक्त मांग सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में की है। उन्होंने इस संबंध में एक चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रेषित की है ।
बाराबंकी में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों की संख्या तकरीबन दो दर्जन के करीब जा पहुंची है। जिससे पूरा जनपद आहत है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में राजू भैया ने स्पष्ट मांग की है कि प्रदेश को पूर्ण रूप से शराब मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा है कि योगी जी इस मुहिम को आगे बढ़कर पूरा करें और प्रदेश से शराब के धंधे का पूर्ण रूप से सर्वनाश करें। श्री भैया ने कहा है कि शराब के धंधे से चंद लोगों की तिजोरिया भरती होंगी ।प्रदेश की सरकार को राजस्व प्राप्त होता होगा ।लेकिन इसके दुष्परिणाम इतने ज्यादा है कि लोगों को नशे के कुचक्र में फंस कर अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि शराब से परिवार बर्बाद हो रहे हैं, युवा पीढ़ी भी बर्बादी की ओर है, नशे के आदी लोगों में बीमारियों का जाल फैला है ,ऐसे तमाम घर है जहां पर परिवार का मुखिया अथवा कोई अन्य सदस्य अपनी मेहनत की कमाई को शराब के नशे में उड़ा रहा है भले ही उसके घर में अन्य परिजनों के लिए चूल्हा ना जलता हो।
वर्ष 2015 में संपूर्ण शराबबंदी को लेकर बाराबंकी जनपद में पदयात्रा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया ने कहा कि बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी शराब के कारोबार पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा देना चाहिए ।उन्होंने कहा कि बाराबंकी में यदि बीते सवा साल के समय को देखा जाए तो तकरीबन 3 दर्जन लोगों की मौत जहरीली शराब से हो चुकी है।
राजू भैया ने स्पष्ट कहा है कि यदि केवल बाराबंकी की ही पड़ताल कर ली जाए तो जिले में ही ऐसे तमाम शराब के ठेके अथवा अंग्रेजी शराब की दुकानें मिलेंगी जो नियमों के विपरीत स्थानों पर खोली गई हैं ।जहां उन्हें कतई खोला अथवा शुरू नहीं किया जा सकता? ऐसे कई लाइसेंस प्राप्त शराब बिक्री के प्रतिष्ठान भीड़ भरे इलाकों में खुले हैं! धार्मिक स्थलों तथा शिक्षा संस्थानों के आसपास खुले हैं ।यहां पर शराबियों का हुड़दंग जब शुरू होता है तो देर रात तक चलता रहता है। जिससे आम नागरिकों का जीना मुहाल है ।
राजू भैया ने कहा कि बाराबंकी में जहरीली शराब से हुई मौतें यह दर्शा रही हैं कि आबकारी विभाग के अधिकारी तथा पुलिस विभाग के जिम्मेदार लोग कहीं ना कहीं शराब तस्करों से मिले हुए हैं? अथवा उनकी उन पर किसी भी एवज में पूर्ण अनुकंपा थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी प्रायाः ऐसी खबरें आती रहती हैं कि शराब के नशे से अथवा जहरीली शराब पीने से फला की मौत हो गई।
राजू भैया ने उन तर्कों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया कि शराब के धंधे से उत्तर प्रदेश सरकार को भारी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि एक समय में लोग लाटरी से बर्बाद हो रहे थे लेकिन जब उसे बंद कर दिया गया तो करोड़ों परिवार उसके द्वारा हो रही बर्बादी से बच गए। श्री भैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अपील की है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन प्रदान करें ।खासकर मुख्यमंत्री योगी स्वयं आगे बढ़कर प्रदेश में चल रहे शराब के धंधे का सर्वनाश करें। जिससे आम गरीब अथवा मजदूर एवं मजबूर लोग जो नशे के कुचक्र में फंसे हैं वह अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें, साथ ही अपने जीवन की रक्षा कर सकें ।उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा कि जब भी जहरीली शराब का अथवा कैसी भी शराब का कहर बढ़ता है तो उसमें गरीब व मजदूर तबके का व्यक्ति चपेट में आता है। बड़े अथवा संपन्न इसकी चपेट में कम ही आते है। इसलिए उत्तर प्रदेश को शराब मुक्त करने की नितांत आवश्यकता है