
नई दिल्ली: पकौड़ा बेचने को रोजगार बताने पर कांग्रेस पार्टी सत्ताधारी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाती है, लेकिन लुधियाना के एक पकौड़ावाले की कमाई सुनकर आप दंग रहे जाएंगे और मान लेंगे कि चाय-पकौड़े की दुकान का कोई जोड़ नहीं. आयकर विभाग ने पान सिंह पकौड़ा शॉप पर छाप मारा और दुकान के मालिक पन्नू सिंह पकौड़ेवाले से 60 लाख रुपये वसूल किए.
दिन भर गिने पकौड़े
पान सिंह पकौड़ा शॉप अपने स्वाद के लिए सिर्फ लुधियाना ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब में मशहूर है. आयकर विभाग ने उनकी दो दुकानों पर छापा मारा. आयकर विभाग को खबर मिली थी कि दुकान मालिक रिटर्न में अपनी वास्तविक आमदनी को छुपा रहा है. इसके बाद प्रधान आयुक्त डीएस चौधरी के निर्देशन में छाप मारा गया.
आयकर विभाग की टीम ने हिसाब किताब रखने वाले सभी रजिस्टर को जब्त किया ही, साथ ही दिन भर दुकान में बैठकर बिक्री का जायजा भी लिया.
सच्चाई का पता चला
आयकर विभाग ने दुकान से बिक रहे एक-एक पकौड़े को गिना और उसके आधार पर पन्नू पकौड़ेवाले की वार्षिक आमदनी का अंदाज लगाया. इस आमदनी का उनके वार्षिक रिटर्न से मिलान किया गया तो पता चला कि आमदनी को बहुत कम दिखाया जा रहा है.
ये सर्वे गुरुवार को शुरू होकर शुक्रवार तक चला. कार्रवाई गिल रोड और मॉडल टाउन स्थित दोनों दुकानों पर की गई. विभाग इसके बाद यदि जरूरत पड़ी तो आगे की कार्रवाई करेगा.
बढ़ती गई शोहरत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पन्ना सिंह ने गिल रोड पर 1952 में एक छोटी सी दुकान शुरू की थी. यहां बने पकौड़े इतने मशहूर हुए कि इस दुकान का नाम और शौहरत दिन दूनी और रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ते गए और इसका दूसरा आउटलेट भी खोल दिया गया. कहते हैं जो भी लुधियाना आता है तो एक बार पन्नू पकौड़े वाले के पकौड़े जरूर खाता है.
लोगों का कहना है कि छापे के दौरान कई लोगों ने दुकान पर जाने से परहेज किया और केवल वही लोग गए जिन्हें छापे की जानकारी नहीं थी. यानी दुकान की आमदनी आयकर विभाग के अनुमान से भी अधिक हो सकती है.
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