तहलका टुडे टीम
लखनऊ:बहराइच का दंगा,जालिम रावण के नुमाइंदे से इज़राइल के राजदूत रूवेन अजार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक ने इज़राइल की बढ़ती चिंता को उजागर किया,ये मुलाकात हिजबुल्लाह के प्रमुख आयतुल्लाह हसन नसरूल्लाह के प्रति उत्तर प्रदेश में हुए मातम की बौखलाहट का नतीजा मानी जा रही है। वैसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी खूबसूरती से हाथ जोड़कर खामोशी से ये जता दिया कि यहां किसी की भी शातिर हरकते नहीं चलने वाली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर अकाउंट में लिखा।
श्री रीयूवेन अजार, भारत में इज़राइल के राजदूत के साथ एक अत्यंत फलदायी और सार्थक चर्चा हुई।
यह बैठक उत्तर प्रदेश और इज़राइल के बीच आपसी हित के क्षेत्रों में गहरे संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।
हम उत्तर प्रदेश के लोगों के लाभ के लिए सहयोग के नए मार्गों की खोज की उम्मीद करते हैं।
@ReuvenAzar
रूवेन अजार जो इज़राइल के आतंकी गतिविधियों में रुचि और विवादास्पद नीतियों का प्रतीक रहे है।
बहराइच में दंगों ने न केवल उत्तर प्रदेश में धार्मिक तनाव को बढ़ाया है, बल्कि यह इज़राइल की खुराफात के रूप में प्रदेश में एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है।
रूवेन अजार एक खतरनाक इज़राइली राजनयिक हैं, जिसने अगस्त 2024 में भारत में इज़राइल के राजदूत का पदभार संभाला। इसका जन्म 1967 में अर्जेंटीना में हुआ था,ये 13 वर्ष की आयु में यरूशलम, इज़राइल में बस गया था। इज़राइली डिफेंस फोर्सेज में इसने पैराट्रूपर्स बटालियन में सेवा दी और फिर 1994 में विदेश मंत्रालय के कैडेट प्रशिक्षण कार्यक्रम से कूटनीतिक करियर की शुरुआत की।
अजार ने अपनी कूटनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। इसने 2010-2012 तक अम्मान में उप मिशन प्रमुख के रूप में सेवा दी और 2012-2014 में इज़राइली विदेश मंत्रालय में मध्य पूर्व अनुसंधान का नेतृत्व किया। 2014 से 2018 के बीच वे वाशिंगटन डीसी में इज़राइल के उप राजदूत रहा,
इसके बाद ये तीन साल तक इज़राइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में विदेशी नीति के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य किया, जहाँ इसने प्रधानमंत्री के लिए विदेश नीति संबंधी सलाह देकर पूरी दुनिया में जाल फैलाया।
रोमानिया में इज़राइल के राजदूत के रूप में 2022 से सेवा करने के बाद, इसे 2024 में भारत भेजा गया है
। अजार ने विभिन्न मध्य पूर्व से जुड़े मुद्दों, विशेषकर फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साथ सहयोग और ईरान पर प्रतिबंधों से संबंधित पहलुओं पर कार्य किया।
इसने काहिरा में चार साल तक इज़राइली दूतावास के आर्थिक और व्यापार विभाग का नेतृत्व भी किया।
अकादमिक दृष्टि से, उनके पास यरूशलम के हीब्रू यूनिवर्सिटी से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में स्नातक (बीए) और स्नातकोत्तर (एमए) की डिग्रियाँ हैं। वे अंग्रेजी और हिब्रू के साथ-साथ स्पेनिश और अरबी में भी पारंगत हैं, और उन्होंने रोमानियाई और हिंदी सीखना भी शुरू किया है।
इसकी व्यक्तिगत जिंदगी में, वे रेचल से विवाहित हैं और उनके तीन बच्चे हैं: रोनी, ओफिर और ओरेन। उनका करियर, अनुभव, और भाषाई कौशल उन्हें एक कुशल और बहुआयामी और शातिर राजदूत बनाते हैं,
जो भारत और इज़राइल के बीच संबंधों को और मजबूत कर भारत में खुराफात फैलाने की दिशा में कार्यरत हैं।
रूवेन अजार की योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या भारत को फिर से गुलाम बनाने की साजिश के तहत इज़राइल की गतिविधिया और हरकते है,
क्या इज़राइल वास्तव में भारत में अपनी रणनीतियों को बदल रहा है?
या यह केवल एक राजनैतिक प्रदर्शन है?
इस बैठक के बाद, इज़राइल की स्थिति और गतिविधियों पर नज़र रखना आवश्यक होगा,
विशेषकर जब बात बहराइच बाराबंकी में जैसे संवेदनशील मुद्दों की दंगा भड़कने की आती है।
इज़राइल का यह राजदूत, जो वैश्विक स्तर पर जालिम रावण के नुमाइंदे के रूप में देखा जा रहा है,
भारत में अपनी राजनीतिक शक्ति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
जो प्रदेश और भारत के लिए आने वाले दिनों में खतरनाक साबित होगा।