
रिज़वान मुस्तफा/तहलका टुडे
नई दिल्ली – राहे हक में अपने 6 बच्चो की कुर्बानी देने वाले नाइजीरिया के आयतुल्लाह शेख ज़कजकी इलाज के लिए भारत आए हुए है।मेदांता हॉस्पिटल गुड़गाव में उनकी जांच चल रही है।दुनिया के इस धार्मिक गुरु की हिफाज़त के लिए काफी बंदोबस्त किए गए है।आज 30 करोड़ अल्पसंख्यकों के रहनुमा और मोदी सरकार में नुमाइंदे केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हॉस्पिटल पहुंचकर आयतुल्लाह शेख ज़कजकी से मुलाक़ात कर हिन्दुस्तान सरकार से हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया कहा सब आपके है साथ है।
तकरीबन 45मिनट तक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शेख ज़कजकी के साथ रहे उनके परिजनों से भी मुलाक़ात किया और डॉक्टरों से भी पूरी जानकारी ली,और हर तरह का भरोसा दिलाया,मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के अचानक पहुंचने से आयतुल्ला ज़कजकी बीमारी के बावजूद उनके साथ बैठकर काफी देर तक बात करते रहे और उनको अयादत के लिए आने पर दुआओ से भी नवाजा ।
आज केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के अस्पताल जा कर मुलाक़ात के बाद अफवाहों का दौर खत्म हो गया है।
मंगल को भारत में आने पार आयतुल्ला ज़क जकी को लेने एयरपोर्ट पर 8 करोड़ शियाओ के रहनुमा कायदे मिल्लत आफताब शरीयत मौलाना कल्बे जवाद ने उनका इस्टेकबाल किया था साथ में मौलाना तकी नकवी साहब ,मौलाना जलाल हैदर के अलावा कई आलिमेदीन मौजूद थे,कल रहबारे हिन्द हुजातुल इस्लाम मौलाना सफी हैदर साहब ने देश में तंजीमुल मकातीब के मदरसों से दुआ की अपील की थी।
मालूम हो नाईजीरिया में हक के लिए लड़ने वाले नेता आयतुल्ला शेख़ ज़कज़की को जेल में जान लेवा ज़हर दिया गया है, जिसके बाद डॉक्टरों की एक टीम ने सरकार से आग्रह किया है कि शेख़ को उचित उपचार के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाए वो इलाज के लिए कोर्ट के आदेश पर हिंदुस्तान लाये गए है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, शेख़ ज़कज़की के ख़ून के नमूनों में सीसा और कैडमियम की ज़हरीली धातु के चिन्ह देखे गए हैं।
इस बीच, नाइजीरिया इस्लामी आंदोलन ने सरकार से शेख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी की तुरंत रिहाई की मांग की है।
आयतुल्लाह शेख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी 13 दिस्मबर 2015 से जेल में हैं।
2015 में नाइजीरिया के सैनिकों ने शेख़ के घर और इमामबाड़े पर हमला करके सैकड़ों शिया मुसलमानों की हत्या कर दी थी।
ग़ौरतलब है कि दिसम्बर 2016 में नाइजीरिया की सर्वोच्च अदालत ने शेख़ ज़कज़की को तुरंत रिहा करने और उनके परिवार को 1 लाख 50 हज़ार डॉलर का मुआवज़ा दिए जाने का आदेश जारी किया था, लेकिन इस देश की सरकार और सेना ने अदालत के आदेश की अवहेलना करते हुए उन्हें अभी तक जेल में क़ैद कर रखा है।
आयतुल्ला के 5 बेटो को भी नाईजीरिया के सैनिकों ने मार डाला और एक बेटी को जलाकर मार डाला था।