
यूपी एसटीएफ के संस्थापक सदस्य और प्रदेश के दुर्दांत अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला एनकाउंटर टीम के खास किरदार रहे आईपीएस अफसर एसएसपी राजेश पांडेय थे।वर्ष 1998 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके में हुई मुठभेड़ में चार अपराधी मारे गए थे, जबकि दो को दबोचा गया था। इस सफल ऑपरेशन को खुद उस समय डीएसपी रहते राजेश पांडेय ने नेतृत्व किया था।
बता दें कि राजेश पांडेय को चार बार राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार, एक बार राष्ट्रपति का सराहनीय सेवा सम्मान मिल चुका है और एक बार संयुक्त राष्ट्र से शांति सेना के लिए काम करने पर पीस पुरस्कार मिल चुका है।
अब तक यह मिले पुरस्कार
1999 में राष्ट्रपति का पहला वीरता पुरस्कार कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला एनकाउंटर के लिए
2000 में राष्ट्रपति का दूसरा वीरता पुरस्कार लखनऊ के जनपथ क्षेत्र में एनकाउंटर के लिए
2007 में राष्ट्रपति का तीसरा वीरता पुरस्कार लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी को मार गिराने के लिए
2008 में संयुक्त राष्ट्र का शांति सेना पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र सेना में सर्विस ऑफ पीस के लिए
2005 में राष्ट्रपति का सराहनीय सेवा पुरस्कार पुलिस महकमे में बेहतर सेवाओं के लिए दिया
एक राष्ट्रपति से लगातार दो बार मिला सम्मान
आईपीएस राजेश पांडेय पीपीएस सेवा 1989 में आए। इसके बाद वर्ष 2005-06 में आईपीएस सेवा में आए। इस दौरान वह लंबे समय तक एसटीएफ के गठन से लेकर काफी बाद तक एसटीएफ में रहे। इसी बीच श्रीप्रकाश शुक्ला गैंग का सफाया हुआ और लगातार दो बार उन्हें राष्ट्रपति के आर नारायणन ने वर्ष 1999 और 2000 डीएसपी रहते वीरता पुरस्कार दिया। इसके बाद एएसपी रहते अब्दुल कलाम ने सराहनीय सेवा और फिर प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने वीरता पुरस्कार दिया।