
सरकार ने पोलर उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) और भू-समकालिक (जिओसिंक्रोनस) उपग्रह प्रक्षेपण वाहन मार्क -3 कार्यक्रमों को जारी रखने को मंजूरी दे दी. इस पर संयुक्त रूप से 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी. इस कदम से इसरो को हल्के और भारी वजन के उपग्रहों के प्रक्षेपण में मदद मिलेगी. पीएसएलवी के परिचालन से देश पृथ्वी अवलोकन, आपदा प्रबंधन, दिशा सूचक और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए उपग्रह प्रक्षेपण क्षमता में आत्मनिर्भर बना है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएसएलवी जारी रखने के कार्यक्रम (छठें चरण) के साथ 30 पीएसएलवी परिचालन प्रक्षेपण को वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी मंजूरी दी है. यह कार्यक्रम पृथ्वी अवलोकन, दिशा सूचक और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए सेटेलाइट के प्रक्षेपण की आवश्यकता को भी पूरा करेगा. यह भारतीय उद्योग में उत्पादन जारी रखना सुनिश्चत करेगा.