
सपा नेतृत्व के निर्देश पर आगे बढ़ने वाले गोप पार्टी में अपनी निंदा पर भी कभी ना हुए विचलित
हर अग्निपरीक्षा पर उतरे खरे भले ही भितरघतियों की वजह से रामनगर में हार गए हो चुनाव?
कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)
बाराबंकी। पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप के लिए सपा नेतृत्व अखिलेश यादव का हर निर्देश विश्वास की वह कसौटी है जिस पर वह सौ प्रतिशत खरा उतरने का हमेशा प्रयास करते हैं। भले ही भितरघातियों की वजह से वह रामनगर में चुनाव हारे हो? उनकी राह में पार्टी के ही लोगों ने कांटे बिछाए हो! लेकिन फिर भी सपा का यह योद्धा समाजवादी झंडा ऊंचा रहे इसकी कोई कसर नहीं छोड़ता। तभी तो आज गोप नवनियुक्त अध्यक्ष हाफिज अयाज अहमद के सियासी कारवां को अखिलेश राग में मस्त होकर आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं।
बाराबंकी जनपद में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप का जलवा आज भाजपा सरकार में भी सिर चढ़कर बोलता है। जब वे जनता के बुलावे पर उसके दरवाजे पर पहुंचते हैं तब यह लगता ही नहीं है कि यह नेता आज विपक्ष में है अथवा विधानसभा का चुनाव भी हार चुका है। गोप के जलवे में कहीं से कोई कमी नहीं है। इस समय अरविंद सिंह गोप समाजवादी पार्टी के नवनियुक्त अध्यक्ष हाफिज अयाज अहमद के सियासी कारवां को आगे बढ़ाने में जी जान लगाए हुए हैं।वे छोटा कार्यक्रम हो अथवा बड़ा जिला अध्यक्ष आयाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। सनद हो कि अयाज समाजवादी पार्टी बाराबंकी के लंबे समय तक जिला अध्यक्ष रहने वाले स्वर्गीय मौलाना मेराज के पुत्र हैं । पूर्व मंत्री अयाज के सियासी आगाज को आगे ले जाने पर मीटिंगों में खुलकर कहते हैं कि सपा नेतृत्व ने एक युवा पर विश्वास जताया है। समाजवादी पार्टी युवाओं को लेकर आगे बढ़ती है। हाफिज अयाज़ की नियुक्ति इसी बात की परिचायक है।
बाराबंकी समाजवादी पार्टी अभी हाल ही में जैदपुर उपचुनाव में जीत का परचम लहरा चुकी है। इस जीत का श्रेय लेने के लिए पार्टी के कई नेता काफी बेचैन नजर आए! कई नेताओं के समर्थकों ने खूब गाल बजाया कि फलां की वजह से ही गौरव रावत जैदपुर के विधायक बने हैं! लेकिन गोप पूरी तरह से गंभीर बने रहे वह भी तब जब उनके खास पूर्व विधायक राम गोपाल रावत का टिकट भी पार्टी ने काट दिया था। गोप की बात करें तो उन्होंने बसपा की सत्ता के बाद जब समाजवादी पार्टी सत्ता में आई थी तो उस समय जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी। जिसके लिए पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने उनकी खूब हौसला अफजाई की थी। यह तब हुआ था जब पार्टी के एक बड़े नेता ने उस समय दूसरे दल में रहते हुए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों का विरोध करने में अपनी पूरी ताकत लगा रखी थीं! खैर यह बड़े नेता आज पार्टी में है। बाराबंकी समाजवादी पार्टी में सपा की सत्ता के रहते एवं उसके बाद में कुछ लोगों के द्वारा केवल एक मुहिम चलाई गई कि कैसे अरविंद सिंह गोप को पार्टी लाइन से किनारे किया जाए अथवा उन्हें विचलित कर के हाशिए पर ले जाया जाए? या फिर कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे गोप सपा नेतृत्व की आंखों में किरकिरी बनकर खटकने लगे! पार्टी के ऐसे कई नेताओं ने पंद्रह व पचासी की आबादी का फार्मूला आगे बढ़ाया? जातिवाद के अस्त्र को चलाया? समाजवादी पार्टी को यादव एवं मुस्लिम तथा पिछड़े वर्ग की पार्टी बताया? यहां तक कह डाला कि वे ठाकुर है उनका पार्टी में काम ही क्या है? ऐसे तमाम कृत्य किए गए जिसका निशाना केवल पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप ही थे! फिलहाल गोप शांति से चुपचाप पार्टी लाइन पर ही चलते रहे। यही वजह रही कि वह सपा नेतृत्व के लिए आज भी विश्वास का वह वटवृक्ष है जिसे हिला पाना उनकी ही पार्टी के नेताओं के लिए आसान नहीं है।
जनपद में 6 विधानसभा सीटें सपा को जितवाने वाले अरविंद सिंह गोप पर जब एमएलसी के चुनाव में राजेश यादव को जिताने की जिम्मेदारी दी गई थी तब भी उन्होंने ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर जमकर मेहनत की थी ।उनकी रणनीति की वजह से राजेश यादव विधान परिषद पहुंचे? भले ही आज दूसरे कई नेता इसका श्रेय लेने में आगे हो? या फिर पार्टी के कुछ लोग इसमें गोप का कोई श्रेय ना मानते हो?
बीते कुछ माह पहले लोकसभा चुनाव के दरमियान एक फर्जी हवा उड़ाई गई कि अरविंद सिंह गोप भाजपा में जा रहे हैं? मेरे पत्रकार मन ने उड़ान भरी और मैंने सीधे गोप से पूछा सुना है आप भाजपा में जा रहे हैं। इतना सुनते ही अरविंद सिंह गोप उस समय गंभीर हो गए थे। उन्होंने कहा था कि भाई मेरे लिए एक ही दल और एक नेता महत्वपूर्ण हैं। मेरा दल समाजवादी पार्टी है और मेरे नेता माननीय अखिलेश यादव जी एवं मुलायम सिंह यादव जी हैं जब तक जीवन है मुझे समाजवादी पार्टी के झंडे के साथ ही रहना है। खैर यह फर्जी हवा चली और उसके बाद में शांत हो गई। जबकि दूसरी तरफ सपा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी में ऐसे नेताओं को भी देखा है जो भाजपा में जाने को उतावले थे लेकिन भाजपा नेतृत्व ने जब नोएंट्री लगा दी तो बेचारे उन्हें अपने वाहनों के साथ रास्ते से ही वापस बाराबंकी लौट आना पड़ा! गोप का नजरिया हमेशा पार्टी को आगे ले जाने का होता है। वह विरोधियों को भी सम्मान देते हैं। और पार्टी कार्यकर्ता के लिए जो भी बन पड़ता है जरूर करते हैं। चर्चा में लोग कहते हैं कि सपा में रहते हुए जितनी निंदा, जितनी उलाहना, जितनी साजिशें गोप साथ हुई! और वे पार्टी में बने रहे! यह उन्हें सच्चा समाजवादी साबित करता है। अरविंद सिंह गोप सपा अपनी निंदा से कभी विचलित नहीं हुए। शायद यही वजह है कि आज भी वह सपा के राष्ट्रीय संरक्षक मुलायम सिंह यादव एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच में पड़ी कुर्सी पर बैठे दिखाई देते हैं। कुल मिलाकर नवनियुक्त जिला अध्यक्ष हाफिज अयाज़ के सियासी आगाज में गोप का जुनूनी अखिलेश राग इस बात को दर्शाता है कि वह एक युवा कार्यकर्ता को आगे ले जाने में अपने बड़े कद को भी पीछे कर देते हैं। तभी तो सत्ता पक्ष के कई विधायक भी उनकी हनक व धमक तथा उनकी जलवे के सामने आज बहुत कमतर ही नजर आते हैं? यह अलग बात है कि गाल बजाने वाले कई नेता मंच पर खड़े होकर लंबी-लंबी बातें करते हो?
सपा के ही कई बड़े नेताओं ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि गोप भाई हमेशा पार्टी पथ पर चलकर अपनी राजनीति को आगे ले जाते हैं।खास बात यह भी है कि गोप के कई विश्वासपात्र साथी पार्टी में रची जा रही साजिशों के चलते आज उनसे अलग हो चुके हैं ?लेकिन फिर भी नए साथियों को हमराह बनाकर सपा का यह योद्धा अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के झंडे को आज निरंतर आगे ले जाता नजर आ रहा है।