
संघर्ष की राजनीति करने वाले योद्धा अतुल कुमार अंजान भाई अलविदा अलविदा
सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा
लखनऊ:आखिरी मुलाकात चचा अमीर हैदर एडवोकेट के यहाँ अलाया अपार्टमेंट हादसे में उनकी ज़ौजा और बहू के पुरसे में पिछले साल मुलाक़ात हुई थी,देखते ही गले लगा लिए थे, तहलका टुडे और सेव वक़्फ़ इंडिया के मिशन से बेहद मुतास्सिर थे,हौसला जज़्बा और संघर्ष के टिप्स हमेशा की तरह दिया,आज उनकी बातें उनकी यादे बाराबंकी, लखनऊ, दिल्ली की मुलाकातें आंसुओ में निकल रही है ,अलविदा अलविदा अंजान भाई
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार अंजान का लखनऊ में निधन हो गया. वो पिछले काफी वक्त से बीमार चल रहे थे. अतुल कुमार पिछले करीब एक महीने से लखनऊ के मेयो अस्पतालव में एडमिट थे.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार अंजान (Atul Kumar Anjaan) का शुक्रवार सुबह लखनऊ में निधन हो गया. वो पिछले काफी वक्त से बीमार चल रहे थे. अतुल कुमार पिछले करीब एक महीने से लखनऊ के मेयो अस्पतालव (Mayo Hospital) में एडमिट थे. लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में 1977 के राजनीति की शुरुआत करने वाले अतुल अंजान को वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता था.
चार बार रहे लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष
अतुल कुमार अंजान, 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष के रूप में चुने गए. छात्रों की चिंताओं को उठाने के लिए लोकप्रिय अंजान ने लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष पद चुनाव भी जीता. अतुल कुमार एक प्रभावशाली वक्त थे, जिनको करीब आधा दर्जन भाषाओं की जानकारी थी. अंजान अपने विश्वविद्यालय के दिनों के दौरान ही वामपंथी पार्टी में शामिल हो गए.
कई सालों तक काटी जेल
अतुल कुमार अंजान, उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे. अंजान ने अपने राजनीतिक सफर के दौरान चार साल नौ महीने जेल में भी बिताए. उनके पिता डॉ एपी सिंह एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने HSRA (हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन) की गतिविधियों में भाग लिया. इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश जेल में लंबी सजा काटी थी.