
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का संभावित आर्थिक प्रभाव है व्यापक: 2030 तक 33.8 लाख करोड़ रुपये का योगदान संभव
तहलका टुडे टीम,23 अक्टूबर 2024,
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज केपीएमजी के वार्षिक नवाचार और ऊर्जा सम्मेलन “एनरिच 2024” को संबोधित करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह तकनीक ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए क्रांतिकारी कदम है, जो उद्योग के भविष्य को आकार दे सकती है।
श्री पुरी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऊर्जा के सम्मिश्रण से कार्य प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, जिससे दक्षता बढ़ेगी और टिकाऊ ऊर्जा परिदृश्य की ओर तेजी से बदलाव होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एआई को विभिन्न उद्योगों में तेजी से अपनाया जा रहा है, जो 2047 तक प्रधानमंत्री के “विकसित भारत” के स्वप्न को साकार करने में सहायक होगा। उन्होंने तेल और गैस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए बताया कि एआई और जनरेटिव एआई (जेनएआई) वास्तविक समय के आंकड़ों का उपयोग कर कार्य प्रणालियों को अनुकूलित कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय तेल कंपनियां कार्यकुशलता और दक्षता बढ़ाने के लिए एआई में महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं।
इसके अलावा, उन्होंने भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के विभिन्न स्थानों पर एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) के उपयोग का उल्लेख किया, जो सुरक्षा, संरक्षा और कार्य क्षमता को सुधारने में सहायक हैं। एआई का उपयोग मांग पूर्वानुमान, ग्राहक विश्लेषण और मूल्य निर्धारण विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में हो रहा है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में समग्र ग्राहक अनुभव में सुधार हो रहा है।
श्री पुरी ने ऊर्ध्वप्रवाह तेल और गैस क्षेत्र में संभावित हाइड्रोकार्बन भंडारों की पहचान के लिए जटिल भूकंपीय आंकड़ों का विश्लेषण करने में एआई के उपयोग की चर्चा की। उन्होंने बताया कि ड्रिलिंग दक्षता में सुधार और परिचालन लागत को कम करने के लिए एआई-आधारित पूर्वानुमान और वास्तविक समय अनुकूलन उपयोगी सिद्ध हुए हैं।
मंत्री ने ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में एआई उपकरणों के एकीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बदलाव पारंपरिक इंजीनियरिंग मानसिकता से आगे बढ़ने का प्रतीक है। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय डेटा रिपोजिटरी के आधुनिकीकरण की जानकारी दी, जो अब क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, जिससे भूकंपीय और उत्पादन संबंधी आंकड़ों तक त्वरित पहुंच संभव हो गई है।
श्री पुरी ने जे.पी. मॉर्गन के शोध का हवाला देते हुए बताया कि अगले तीन वर्षों में जनरेटिव एआई वैश्विक जीडीपी को 7-10 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने की क्षमता रखता है।
मंत्री ने भारत के युवा जनसांख्यिकी और तकनीकी संपन्नता के साथ एआई से लाभ उठाने की संभावना पर जोर दिया, और बताया कि एआई को अपनाने से 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 33.8 लाख करोड़ रुपये का योगदान संभव है।
इस अवसर पर उन्होंने सार्वभौमिक कनेक्टिविटी और डिजिटल इंडिया पहल की सफलता का जिक्र किया, जिसके परिणामस्वरूप इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 2014 में 251.59 मिलियन से बढ़कर 2024 में 954.40 मिलियन हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने “एनरिच लैब्स” जैसी पहलों के माध्यम से नवाचार और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का सहयोग करने के लिए केपीएमजी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत अब अमरीका और चीन के बाद यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप के लिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है।
तेल एवं गैस क्षेत्र पर जोर देते हुए, श्री पुरी ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने 505 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड स्थापित किए हैं, जिनसे 287 स्टार्ट-अप्स को वित्त पोषण प्राप्त हो चुका है।
उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए अविन्या’25 की चर्चा करते हुए सभी से इसमें भाग लेने का आग्रह किया।
अपने भाषण के अंत में, श्री पुरी ने सभी हितधारकों से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अप्रयुक्त क्षमता का पता लगाने का आग्रह किया और टिकाऊ व्यावसायिक कार्य प्रणालियों के महत्व पर बल दिया।