
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाक़ात में क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान विशेषकर अत्याचारग्रस्त फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों की रक्षा के लिए तेहरान अंकारा संबंधों में विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया।
इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार डाक्टर हसन रूहानी ने शुक्रवार की रात इस्तांबोल में ओआईसी की आपातकाल बैठक के अवसर पर तुर्क राष्ट्रपति से मुलाक़ात में तेहरान- अंकारा के संबंधों और विचार विमर्श के विस्तार को दोनों राष्ट्रों और क्षेत्रीय शांति व सुरक्षा के हित में बताया और कहा कि ईरान और तुर्की के संबंधों में विस्तार से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा मज़बूत होगी।
राष्ट्रपति रूहानी ने व्यापारिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक क्षेत्र में ईरान और तुर्की के मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि दोनों देशों के बच बैंकिंग सहयोेग में विस्तार से तेहरान- अंकारा के बीच व्यापारिक लेनदेन में स्तार का कारण बनेगा।
इस मुलाक़ात में तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने क्षेत्रीय मामलों के संबंध में ईरान और तुर्की के सहयोग तथा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की स्थापना में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि परमाणु समझौते से अमरीका के एकपक्षीय रूप से निकलने और तेल अवीव से बैतुल मुक़द्दस दूतावास स्थानांतरित करने जैसी वाशिंग्टन की बहुत सी कार्यवाहियां, दुनिया के अन्य देशों को अस्वीकार्य है और इन कार्यवाहियों का डटकर मुक़ाबला किया जाना चाहिए।
इससे पहले राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने इस्तांबोल में इस्लामी सहयोग संगठन की आपातकालीन बैठक में भाषण देते हुए इस्लामी जगत के सामने मौजूद ख़तरों से निपटने के लिए छह सुझाव पेश किया और ज़ायोनी शासन के अतिग्रहण को समाप्त करने के लिए इस्लामी देशों से व्यवहारिक एकता और सहयोग की मांग की है।
उन्होंने शुक्रवार की रात अपने भाषण में फ़िलिस्तीन पर इस्राईल के अतिग्रहण के जारी रहने को इस्लामी जगत के लिए बड़ा ख़तरा बताया और कहा कि अमरीका की नई सरकार भी विश्व शांति और सुरक्षा तथा अंतर्राष्ट्रीय नियमों के लिए बड़ा ख़तरा बन गयी है।
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि ज़ायोनी शासन फ़िलिस्तीन में युद्ध और भयानक अपराध करते हुए मानवीय प्रतिष्ठा और सम्मान को पैरों तले रौंद रहा है। उन्होंने कहा कि अमरीका, इस्लामी देशों में अस्थिरता पैदा करके इस्राईल को क्षेत्र में मज़बूत और शक्तिशाली बनाना चाहता है किन्तु इस्लामी देश आपसी एकता द्वारा इस्राईल का भरपूर मुक़ाबला करने की क्षमता रखते हैं और मुस्लिम देश आपसी एकता और एकजुटता द्वारा इस्राईल की साज़िशों को विफल बना सकते हैं।
राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने इस्लामी देशों से मांग की है कि वह इस्राईल से कूटनयिक संबंध समाप्त करके उसके विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगा दें और इस्राईल का भरपूर समर्थन करने के कारण अमरीका के विरुद्ध में व्यवहारिक क़दम उठाएं।