तहलका टुडे टीम
लखनऊ-राष्ट्रपति पदक से तीसरी बार सम्मानित होंगे प्रशांत कुमार इसके अलावा प्रदेश के 5 पुलिस अफसरों को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक दिया जाएगा।
ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को तीसरी बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा। 1990 बैच के IPS प्रशांत कुमार को पिछले दो साल से यह पदक मिल चुका है। इसके पहले उन्हें राष्ट्रपति का पुलिस पदक 2007, पुलिस महानिदेशक CISF का प्रशंसा चिन्ह 2011 पुलिस महानिदेशक ITBP का प्रशंसा चिन्ह-2011, 2012 (सिल्वर), 2012 (गोल्ड), दीर्घकालीन सेवाओं के लिये राष्ट्रपति का पुलिस पदक 2014, मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक- 2018, पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह सिल्वर- 2018, गोल्ड 2019, प्लेटिनम, गृहमंत्री भारत सरकार का अति उत्कृष्ट सेवा पदक 2021 मिल चुका है।
मालूम हो बाराबंकी पुलिस कप्तान रहते हुए प्रशान्त कुमार ने माफियाओ की गैंगवार के साथ नवजवानों छात्रो में बदमाश बनने के जज़्बे पर ऐसा पानी फेरा, और ऐसी ठुकाई,एनकाउंटर हुए की साथ जन्म तक बदमाश ना बनने की वसीयत गुंडो ने कर डाली,एक नामी गिरामी माफिया डॉन का गुरु कहने वाले इतना घबरा गए कि बदमाशी, माफियागिरी का रास्ता छोड़कर जन सेवा में आ गये और यही नही नस्लो में भी बदमाशी की फितरत खत्म करवा कर देश के शांति प्रिय नागरिक बनने के लिए अहद कर लिए।
उसके बाद से जो तस्करी से लेकर गिरहकट से पहचानी जाने वाली बाराबंकी में क्रांति आयी उसका नतीजा ये हुआ की शिक्षा जगत में लोगो की तवज्जो बढ़ी हाइस्कूल इंटर टॉपर के साथ इस सरज़मी की कोख से IAS आईपीएस पैदा होने लगे।
मक्कारी माफियागिरी,तस्करी,बदमाशो के गैंगों का तराई के इलाकों के साथ बाराबंकी की सरज़मी से गुजरने वालो बदमाशो में मौत का साया मंडराने का खौफ तारी रहता था उन सब का भी खात्मा हुआ,
आज भी बाराबंकी के लोग प्रशान्त कुमार को देवता से कम नही मानते और उनको अपनी दुआओ में ज़रूर याद रखते है।
फिल्मों में रील लाइफ सिंघम तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन रियल सिंघम से मिलना है, उन्हें देखना है, उनके बारे में जानना तो फिर इनके बारे में जरूर जानिये. वैसे इन्हें कौन नहीं जानता. लेकिन फिर भी हम आपको बताते हैं. प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अफसर हैं, उनका कैडर उत्तर प्रदेश है. राज्य के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हैं. इनको समझने के लिए इतना ही काफी है. वैसे तो ये खुद को सुर्खियों से दूर रखना चाहते हैं. लेकिन इनके काम करने का अंदाज ही ऐसा अनोखा कि खबर बन ही जाती है.
संस्था हैं प्रशांत कुमार
शांत स्वभाव लेकिन सशक्त शख्सियत है. टॉस्क कोई भी हो टाइम पर पूरा करना प्रशांत कुमार का पैशन है. एनंकाउंटर स्पेशलिस्ट तो कई हैं..लेकिन परफेक्शन के साथ एनकाउंटर कोई प्रशांत कुमार से सीखे और समझे. समझ लीजिए पूरी संस्था हैं. जहां भी तैनाती हुई क्रिमिनल इनके नाम से कराहने लगते हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पद पर आने से पहले प्रशांत कुमार मेरठ जोन के एडीजी थे. वो मेरठ रेंज के डीआईजी भी रह चुके हैं. अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस दौरान क्रिमिनल्स पर कितना कहर बरपा होगा. ये वही कार्यकाल था, जब कांवड़यात्रा के दौरान कावंड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाकर प्रशांत कुमार फिर से चर्चा में आ गए थे.
शरीफो के लिए हर दिल अज़ीज़ अपराधी हमेशा टागरेट पर रहे
मूलत बिहार के रहने वाले प्रशांत कुमार का आईपीएस में चयन 1990 में तमिलनाडु कैडर में हुआ था. लेकिन 1994 में निजी कारणों से यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गए. प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, अयोध्या, बाराबंकी और सहारनपुर में एसपी और एसएसपी रहे. यानी एडीजी प्रशांत कुमार की जहां भी तैनाती हुई अपराध और अपराधी हमेशा उनके टारगेट पर रहे. आखिर सवाल कानून व्यव्सथा का है और इससे समझौता प्रशांत कुमार की डिक्शनरी में नहीं है.
26 जनवरी पर ADG फायर रहे विजय प्रकाश, देवरिया के SP/DIG श्रीपति मिश्रा, झांसी के असिस्टेंट रेडियो अफसर सुशील पांडे, अयोध्या के असिस्टेंट रेडियो अफसर मिश्रीलाल शुक्ला, कानपुर कमिश्नरेट के सब इंस्पेक्टर कृष्ण चंद्र मिश्रा को विशिष्ट सेवा पदक मिलेगा। आगरा के IG नचिकेता झा, लखनऊ के DCP ट्रैफिक सुभाष चंद्र शाक्य, SP विजिलेंस डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी, फतेहपुर के ASP राजेश कुमार समेत 72 को अफसरों को सराहनीय सेवा पदक दिया जाएगा।
DGP प्रशंसा चिन्ह से सम्मानित होंगे 763 पुलिसवाले
26 जनवरी को यूपी के 763 पुलिस वालों को DGP के प्रशंसा चिन्ह से सम्मानित किया जाएगा। इसमें 21 पुलिस वालों को प्लेटिनम शौर्य पदक दिया जाएगा। 67 को गोल्ड और 281 को सिल्वर शौर्य मेडल दिया जाएगा।