
भारत मे 21 वी सदी का सहाफत का इमाम कमाल खान आज हमसे जुदा हो गये।
एक ज़िंदा दिल इंसान अवाम में बेहद लोकप्रिय और सबसे बड़ी बात इतनी बुलंदियो के बाद भी हमेशा ज़मीन पर रहने वाले हर दिल अज़ीज़ कमाल भाई के इंतेक़ाल की खबर ने सैकैडो हक़ पसंद पत्रकारों की आंखों में आंसू ला दिया।
भारत की सुप्रीम रिलिजियस ऑथरिटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नक़वी,1200 मकतबों के बोर्ड तंज़ीमुल मकातिब के सेक्रेटरी मौलाना सैयद सफ़ी हैदर,शिया स्कॉलर मौलाना कल्बे रुशैद रिज़वी समेत कई सियासी पार्टियों ने ताज़ियत पेश करते हुए बेबाक सहाफी बताया है।और देश की अपूर्णीय नुकसान बताया है।
टीवी पत्रकारिता के लोकप्रिय और हक़ पसंद पत्रकारिता बेबाक अंदाज़ में करने वाले पत्रकार में से एक कमाल खान का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है।
पूरी दुनिया मे लोकप्रिय NDTV के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान ने लखनऊ स्थिति अपने आवास में अंतिम सांस ली। कमाल खान का निधन हार्ट अटैक से हुआ है। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कमाल खान को उनकी बेहतरीन पत्रकारिता के लिए पत्रकारिता के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिला था. साथ ही भारत के राष्ट्रपति द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से भी सम्मानित थे.
कमाल खान के निधन पर उनके चैनल एनडीटीवी ने लिखा है कि तीन दशक से दिल छू लेने वाली खबरें करने वाले, हम सब के चहेते कमाल खान, आज हम सबको अनंत शोक में छोड़ कर चले गए. यह हम सबके लिए गहरे शोक की घड़ी है. एनडीटीवी ने कहा,
“आज एनडीटीवी परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति हुई है, हमारे लखनऊ ब्यूरो के दिल, अनुभवी पत्रकार कमाल खान का आज सुबह अप्रत्याशित रूप से निधन हो गया. पिछले दशकों में कमाल की रिपोर्ताज अलग तरह की थी, और वो काव्य निपुणता के साथ कठिन सत्य को व्यक्त करते थे. सबसे बढ़कर, वह एक अद्भुत इंसान थे, जिन्होंने उन सभी के जीवन को छुआ जो उन्हें जानते थे. उनके परिवार के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और उनकी दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना.”
बता दें कि कमाल खान अपने खबर को पेश करने के अंदाज को लेकर काफी मशहूर थे और देश भर में उनके अंदाज और रिपोर्टिंग को सराहा जाता था.
कमाल खान ने अपनी आखिरी स्टोरी कल शाम की थी. उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले नेताओं के दलबदलने को लेकर उनकी आखिरी रिपोर्ट आप नीचे देख सकते हैं.
चुनाव में नेताओं की एक पार्टी से दूसरी पार्टी में भागमभाग के क्या हैं मायने? बता रहे हैं कमाल खान… pic.twitter.com/D4kyIuis3K
— NDTV India (@ndtvindia) January 13, 2022
कमाल के जाने को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने गहरा दुख जताया है.
तहलका टुडे के एडीटर रिज़वान मुस्तफ़ा ने कहा कि बेहतरीन इंसान जिनसे मशविरे और मोहब्बत मिलती रहती थी आज वो सायबान ना रहा
क़रीब दो दशक से अधिक समय से बतौर यूपी चीफ वो एनडीए से जुड़े थे। टीवी पत्रकारिता है पहले वो लखनऊ के तमाम अंग्रेजी-हिन्दी अखबारों में काम कर चुके थे। कमाल खान साहब की पत्नी रुचि कुमार इंडिया टीवी में राजनीतिक संपादक हैं। देश-दुनिया के चहेते कमाल ख़ान ने वाकई कमाल की पत्रकारिता से अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी जैसी जुबान की मिठास,शब्दों का चयन, उच्चारण और आकर्षक स्क्रिप्ट शायद ही किसी टीवी पत्रकार के पास हो। बतौर एंकर यदि रविश कुमार एनडीटीवी के हीरा हैं तो कमाल पत्रकार के रूप में इस चैनल के जवाहरात थे। किसी भी न्यूज़ पैकेज में उनका पीटीसी(पीस टू कैमरा) देखकर टीवी दर्शकों की आंखें टीवी स्क्रीन से जड़ जाती थीं। खुदा को भी शायद कमाल भाई की जुबान, लहजा, अल्फ़ाज़, स्क्रिप्ट, निष्पक्षता और अदायगी पसंद आ गई, और वक्त से पहले उन्हें बुला लिया। इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन!’