
tतहलका टुडे टीम
बाराबंकी -सऊदी अरब सरकार का मदीने में जन्नतुल बकी के रौज़े जिसमे मोहम्मद साहब की पुत्री के साथ कई इमामो की समाधि गिरा कर मिस्मार करने के अवसर पर ऑन लाइन एहतेजाज जुमा मस्जिद में किया गया और ईमेल से भारत सरकार के माध्यम से सऊदी हुकूमत को ज्ञापन भेज कर रौज़ों के पुनर्निर्माण की मांग की गई।
वही सोशल मीडिया के माध्यम से इमामे जुमा मौलाना मोहम्मद रज़ा और मौलाना इब्ने अब्बास साहब के आह्वाहन पर पूरे जिले सभी नबी(स. अ.)की बेटी से अक़ीदत रखने वालों से अपील करते है कहा कि जो जहां भी है वहीं से ऑन लाइन व्हाट्सएप फेसबुक ट्वीटर आदि के माध्यम से “आह फातिमा ज़हरा ” व “आले सऊद – मुर्दाबाद ” ज़रूर भेज कर हैशटैग कर सऊदी सरकार से नफरत का इज़हार और दोबारा रौज़े की तामीर की डिमांड ज़रूर करे।
इस पर हुए आजके कार्यक्रम में पुरुषों बच्चो महिलाओ ने घरों में बैठकर खूब नारेबाजी की और सऊदी सरकार पर लानत भेजी।
मौलाना मोहम्मद रज़ा ज़ैदपुरी ने कहा हम आले सऊद पर लानत भेजते है और बीबी ज़हरा स अ की मज़ार की शहादत के मौके पर ताज़ियत पेश करते है।अपने गमों गुस्से का इज़हार भारत सरकार के माध्यम से ऑन लाइन सऊदी हुकूमत को मेमोरेंडम भेज कर करते हैं।
वही मौलाना मौलाना इब्ने अब्बास साहब ने भी ऑनलाइन गमों गुस्से का इज़्हार किया और पुनः जन्न्तुलबक़ी (मोहम्मद साहब की बेटी की समाधि ) के निर्माण की मांग की उन्होंने कहा
आज का दिन मोहम्मद व आले मोहम्मद के चाहने वालों व मानने वालो के लिये शोक का दिन है। आज ही की तारीख में आले सऊद ने सन 1926 में द्वेषवश मोहम्मद साहब की पुत्री की समाधि को शहीद कर दिया था।
हज़ारो लोगो ने ऑनलाइन हुए इस कार्यक्रमों को देख कर घरों से जमकर एहतेजाज किया।
मालूम हो हर वर्ष गलाम अस्करी हाल से सैकड़ो लोग जुलूस की शक्ल में नारे लगाते हुए कॉलेक्ट्रेट जाकर ज़िला अधिकारी को ज्ञापन देते थे ।
इस मौके पर बाराबंकी की सड़कें सऊदी सरकार मुर्दा बाद के नारों से गूंज जाती थी।
लेकिन अबकी कारोना काल और लाकडाउन के नियमो को देखते हुए ऑन लाइन एहतेजाज किया गया,जो काफी कामयाब और चर्चा का विषय बना रहा,खुफिया एजेंसिया एक्टिव रही।वही ज़िला प्रशासन भी सतर्क रहा।