
कर्बला संदेश है सही रास्ते पर चलने व अंधेरे से उजाले की ओर जाने का – मौलाना नक़ी अस्करी
ईश्वर के मार्ग पर चलने हेतु जो भी शिक्षा ली जाती है कामयाबी की ओर ले जाती है – मौलाना तस्दीक़ हुसैन
सब्रे हुसैन के आगे ज़ुल्म ने दम तोड़ दिया – मौलाना जाबिर जौरासी
ज़ुल्म के खिलाफ जितनी देरी होगी क़ुरबानी उतनी ही ज़्यादा देनी होगी – ख़ातिबे अहलेबैत अली अब्बास
तहलका टुडे टीम
बाराबंकी -। इमामबाड़ा मीर मासूम अली कटरा व अन्य इमामबाडो में कोविड -19 एवं शासन प्रशाशन की गाइड लाइन के तहत हो रही हैं मज़्लिसें । सुबह नौवीं मजलिस को सम्बोधित करते हुये मौलाना जाबिर जौरासी ने कहा सब्रे हुसैन के आगे ज़ुल्म ने दम तोड़ दिया। ईश्वर क्षमा उन्हीं को करता है जो क्षमा मांगने के बाद गलती को दोहराते नहीं । आज इंसानियत का पैगाम देने वाले, मोहम्मद (स अ व) के नवासे फातिमा ( स अ) के लाल का घर घर हो रहा मातम।
मौलाना गुलाम अस्करी हाल देवा रोड में नवीं मजलिस को सम्बोधित करते हुये मौलाना नक़ी अस्करी ने
कहा कर्बला संदेश है सही रास्ते पर चलने व अंधेरे से उजाले की ओर जाने का ।जो ईश्वर का मार्ग छोड़ देते हैं वो अन्धकार में चले जाते हैं । जब आखरी इमाम आयेंगे संसार पाप मुक्त हो जायेगा। आखिर में करबला वालों के मसायब पेश किया जिसे सुनकर अज़ादार रो पड़े । मजलिस से पहले , हाजी सरवर अली कर्बलाई ने नज़रानये अक़ीदत पेश करते हुए पढ़ा – था मक़्सदे रब पेशे नज़र देखते रहे । सरवर लहू में गल्तां पिसर देखते रहे। कटरा मोहल्ला स्थित आगा फ़ैयाज़ मियांजानी के अज़ाखाने में मजलिस को अली अब्बास साहब ने सम्बोधित करते हुये कहा ज़ुल्म के खिलाफ जितनी देरी होगी क़ुरबानी उतनी ही ज़्यादा देनी होगी। मज्लिसे हुसैन ऐलाने तौहीद का माध्यम है ।हुसैन का आखरी सजदा तौहीद का पैगाम है।
रसूल पुर में मोहसिन साहब के अज़ाखाने में मौलाना तस्दीक़ हुसैन साहब ने करबला वालों का दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि ईश्वर के मार्ग पर चलने हेतु जो भी शिक्षा ली जाती है कामयाबी की ओर ले जाती है । ईश्वर ने हर इंसान को श्रेष्ठ कुल में पैदा किया ।अब ये इंसान की ज़िम्मेदारी है किसही मार्ग पर चल कर र्श्रेष्ठ बना रहे ।या विचलित होकर सबसे नीचे गिर जाये।कर्बला सिविल लाइन मेंअख्तियार हुसैन(राजू भाई) के अज़ाखाने मे नौ दिनो से असरा हो रहा है ।अस्करी नगर ,अली कालोनी दयानंद नगर , करबला सिविल लाइन , बेगम गंज ,तकिया ,पीर बटावन,असद नगर ,देवां ,फतेहपुर , जैदपुर , असन्द्रा , मीरापुर , मोती पुर , रसूल पुर , जरगांवां , सरैयां , मिर्चिया , टिकरिया , सन्गौरा , केसरवा , मौथरी आदि गांवों कस्बों में भी घर घर मजलिसों का सिलसिला शासनादेश के अनुसार जारी है ।
कोविड -19 के चलते इस वर्ष इमाम हुसैन (अ)का गम सावधानियों के साथ मनाया जा रहा है । हर तरफ़ या हुसैन या हुसैन एवं या अब्बास की सदाएं गूंज रही है ।इमाम हुसैन (अ) के गम में हर मज़हब व मिल्लत के लोग शामिल है । मजलिस से पहले डा रज़ा मौरान्वी, मुहिब रिज़वी,कलीम रिज़वी ,बाक़र नक़वी , सरवर अली कर्बलाई,मौलाना अली मेहदी , नदीम रिज़वी , सलीम,शबी अहमद आब्दी, मोहम्मद, अदनान रिजवी, कामयाब सन्डील्वीनजफी , ज़ाकिर इमाम , अयान , गाज़ी इमाम आदि लोगों ने नज़रानये अक़ीदत पेश किया ।मजलिसों का आरंभ तिलावते कलाम पाक से किया गया ।