
सऊदी अरब के बाद पूरी दुनिया के मुसलमानो के लिए अक़ीदत इबादत और दुआ का केंद्र बिंदु पर जालिमो की नदीदी नज़र
रिज़वान मुस्तफ़ा की खास रिपोर्ट
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बगदाद:इमामे ज़माना (अ फ़) के नुमाईन्दे आयतुल्लाह सिस्तानी किबला और सिपाहे मेहदी के कमांडर मुक़्तदा अल सद्र, हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरुल्लाह की हत्या कराने के लिये शैतान को आका मानने वाले इज़राईल अमेरिका ने सोशल मीडिया के सहारे इराक़ लेबनान में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ मुहिम सरकार विरोधी प्रदर्शनो को हवा और असलहा देकर बगावत पैदा करवाने की साज़िश को एक बार फिर रच कर पूरी दुनिया मे इंसानियत को पसंद करने वाले लोगो की लानत और निंदा का विषय बन गया है।
मालूम हो इराक में 1400 साल पहले शैतान ने पैग़म्बरे इस्लाम मोहम्मद मुस्तफ़ा स अ. के भाई,दामाद और वासिये रसूल पहले इमाम हज़रत अली अलैहिस्लाम को रमज़ान में कूफ़े की मस्जिद में नमाज़ पड़ते हुए शहीद करवाया था।
इसके बाद इंसानियत हक इंसाफ सच्चाई और इस्लाम को खत्म करने की साज़िश यज़ीद ने रचकर नवासे रसूल हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्लाम और उनके 72 साथियो को कर्बला में घेर कर मार डाला था,यही नही 6 माह के बच्चे हज़रत अली असग़र को भी पानी ना देकर मार डाला था।
इसके अलावा इराक की सरज़मी पर 7वे इमाम मुसाये काज़िम अलैहिस्लाम,9 वे इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्लाम,10 वे इमाम अली नक़ी अलैहिस्लाम,11 वे इमाम हसन अस्करी अलैहिस्लाम को ज़हर देकर शहीद कर डाला गया,और यही नही शैतान के बहकावे में इतनी ज़ियादा दुश्मनी बढ़ी की 12वे इमाम ज़माना (अ फ़ )के भी लोग दुश्मन बन गए,
अल्लाह ने अहलेबैत की दुनिया से बढ़ती दुश्मनी को देखते हुए उन्हें सामरा इराक से ही पर्दाये ग़ैबत में ले लिया।
इंसानियत शराफ़त जो अल्लाह का सबसे पसंदीदा अमल है को मिटाने के लिए शैतान ने भी हर दौर में ताकत लगा दी। वो इंसानों को बहकाकर इनसानियत का दुश्मन बनाकर कत्ल गारत करवाकर इंसानियत को पामाल करता रहा।
आज कल शैतान के दो शागिर्द इज़राईल अमेरिका ज़यादा चर्चा में है।
इन्ही दोनो मुल्कों इज़राईल अमेरिका ने सद्दाम हुसैन को मदद करके 8 साल तक ईरान से जंग करवाया और दोनों मुल्कों की अवाम को बर्बाद कर दिया।
जब सब बर्बाद हो गया तो सुलह हुई तब अमेरिका ने सद्दाम को मार दिया और पूरे इराक पर कब्ज़ा कर तेल जमकर चुराया,
यही नही रूहानियत के मरकज़ सामरा पर बम भी बरसाये।
इराक की अवाम में ज़ुल्म से दबने पर अल्लाह की याद आयी मौला हज़रत अली और कर्बला के रौज़े से अपनी रूहानी सोच को पाक किया और सिर्फ एक इराकी ने बुश की ज़ालिमाना रवैये के लिए जूते का ऐसा प्रसाद दिया की अमेरिका की हेकड़ी खत्म करने के लिए वही पर्याप्त हो गया।
अमेरिकन भागे चुनाव हुए सरकार बनी,इसके बाद सद्दाम के नालायक वफादार फिर दाइश की शक्ल में अमेरिका ने इराक में लगा दिए।
इमामे ज़माना अ. फ़. के नुमाइंदे आयतुल्लाह सिस्तानी साहब के रूहानी पैग़ामो और मुक़्तदा अल सद्र के लड़ाकों ने एक बार फिर मौला अली और शहीदाने कर्बला की ज़मीन को यज़ीदो की औलादों से महफूज़ कर लिया।सामरा और इसके इर्द गिर्द अमेरिकन एजेंट दाइश से खाली करा लिया गया।
खाड़ी मुल्कों में सबसे ज़यादा जरखेज ज़मीन वाले इराक में अनाज के साथ साथ पूरी दुनिया के देशों में तेल उत्पादन में 5 वा मुल्क है।
इराक कई बरसो से हो रही बर्बादी से आई तबाही से खड़ा हो रहा था यहाँ सिर्फ अरबाईंन समेत साल भर में करोड़ो लोगो की ज़ियारत के लिए आमद से सिर्फ वीजे से होने वाली अरबो डालर की आमदनी ,मुल्क में तरक्की के असबाब खोलने के लिए की जा रही कोशिश में एक दम से बेरोज़गारी भृष्टाचार के लिए उठने वाली साज़िशन आवाज़ के आका अमेरिका इज़राईल बन गए।
ईरान के खिलाफ भड़काने के साथ आयतुल्लाह सिस्तानी साहब के ऑफिस में हुड़दंग मचाने से शुरू हुए इस खास अरबाईंन के वक़्त एहतेजाज से हड़कंप मच गया,लेकिन फिर भी सैकड़ो लोग मर गए।
प्रदर्शनकारियों ने बीते एक अक्टूबर को बगदाद में प्रदर्शन की शुरुआत की थी,जो दक्षिण इराक़ के शिया बहुल शहरों में फैल गया.
अदेल अब्देल मेहदी अगले महीने प्रधानमंत्री के तौर पर एक साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे.
तहरीर चौक पर बात करते हुए 27 साल के प्रदर्शनकारी अब्दल्लाह वालिद ने कहा, ‘हम नौकरी और बेहतरी सेवाएं चाहते हैं. हम इसकी कई सालों से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनकारी अधिकांश नाराज युवा हैं, जो किसी राजनीतिक या धार्मिक संगठन से ताल्लुक नहीं रखते. वे बेहद निराश है क्योंकि उनके पास नौकरियां नहीं हैं.और वो चाहते है।
इराक की अवाम भी अजीबो गरीब है वो बगैर कुछ किये हुए सरकार उनको निवाला बनाकर खिलाये और उनकी ऐशो इशरत का सामान मुहैय्या कराए ये चाहती है।
पिछले दिनों की रिपोर्ट के अनुसार पवित्र नगर कर्बला, नजफ़ और बसरा में होने वाले प्रदर्शनों में शामिल लोग, वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सीस्तानी की ओर से जारी किए गये रोड मैप के हक़ में नारे लगा रहे थे।
कर्बला में होने वाले प्रदर्शनों में शामिल प्रदर्शनकारियों ने जनसपत्ति को नुक़सान पहुंचाने और सुरक्षा बलों पर हमलों की निंदा करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प दोहराया।
पवित्र नगर नजफ़ में भी हज़ारों की संख्या में इराक़ी प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक नेतृत्व की आवाज़ पर सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन किए जिसमें धार्मिक शिक्षा केन्द्रों के छात्रों और अध्यापकों ने भी भाग लिया।
धार्मिक शिक्षा केन्द्रों के छात्रों और धर्मगुरुओं का कहना था कि वह जनता की वैध और क़ानूनी मांगों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का समर्थन करते हैं। प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि अमरीका और इस्राईल, इराक़ी जनता की आर्थिक मांगों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को हाईजैक और दिगभ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सबसे बड़ी बात ये है कि जिस इराक में बने इमामो पैगम्बरों के रौज़ों से पूरी दुनिया इनको वसीला बना ईश्वर से दुआ मांगती है और दुआए जो पूरी होती है।
यहाँ तेल का जखीरा ज़ायरीन और विदेशी लोगो के आने से होने वाली दुनिया की बड़ी आमदनी के बाद भी रिज़्क़ देने की गारंटी देने वाले अल्लाह से नाशुक्री की जा रही है।
और बेसब्री में ज़ुल्म ज़्यादती इंसानियत के कातिल बनना ज़ुल्म तश्दूद का हिस्सा बन कर इंसानियत बचाने के लिए आगे आने वालों की हत्या की और इराक को बर्बाद करने की साज़िश रची जा रही है। अब इसका पर्दाफाश हो चुका है।
सद्दाम के गुलाम और मुखबिर रही इराकी अवाम की इराक में अमेरिका इज़राईल के इशारे और मदद से इंतेशार फैलाने की कोशिशों को बेनकाब होने के बाद वहां की अवाम अब अपने इंक़लाबी लीडरों की हिफाज़त जालिमो से करने के लिये आगे आ रही है।
अब शैतान अवाम पर अल्लाह का शुक्र अदा करने वाली अवाम कितनी भारी होती है
ये उनकी रूहानी या शैतानी ताक़त पर निर्भर करेगा।
इराक में सरकार विरोधी प्रदर्शनों और देश के चिंताजनक स्थिति पर बड़ा बयान देते हुए पवित्र शहर कर्बला के इमामे जुमा और आयतुल्लाह सीस्तानी के दूत हुज्जतुल इस्लाम सय्यद अहमद साफी ने कहा कि इराक में जारी प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारी और पुलिस बल के बीच हुई झड़पों से बचना होगा ।
सय्यद अहमद ने आयतुल्लाह सीस्तानी का बयान पढ़ते हुए कहा कि बग़दाद, नजफ़ और देश के अन्य भाग में जारी प्रदर्शनों में कई लोग मारे गए तथा कई लोग ज़ख़्मी हुए हैं हमे इन घटनाओं को रोकना होगा और देश को गृहयुद्ध, और बर्बादी की ओर जाने से रोकना होगा इस हिंसा के अपराधियों को पहचान कर उन्हें कड़ा दंड देना होगा ।
मरजईयत ने सरकार गठन के समय से ही बार बार कहा है कि सरकार जनता की मांगों और उनके अधिकारों का सम्मान करें और उसे पूरा करे, क़ानून संगत सुधार बहुत ज़रूरी है, उससे बचा नहीं जा सकता ।
सय्यद अहमद ने मरजईयत का संदेश पढ़ते हुए कहा कि हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वह इराक की वर्तमान स्थिति और उसके भविष्य का ख्याल रखें अपनी भावनाओं और निजी हित के लिए कोई क़दम न उठायें बल्कि देश और सामाजिक हितों का ख्याल करें।
मुक़तदा सद्र ने भ्रष्टाचारियों, षड्यंत्रकारियों और दुश्मनों से संघर्ष जारी रखने की ओर संकेत करते हुए कहा कि मैं वह नहीं हूं जो दुश्मन की धमकियों और मौत से डर जाऊं।
मुक़तदा सद्र को मिल रहे धमकी भर संदेशों के बारे में उन्होंने कहा कि संदेश खुला और स्पष्ट है, यदि सफल हो गये तो मेरी हत्या कर देंगे और मुझे रास्ते से हटा देंगे, मैं आपसे दुआ की अपील करता हूं।
उन्होंने बल दिया कि सुधार क्रांति, अपने समस्त विवरणों और मापदंडों के साथ बहुत अधिक लाभदायक और महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि अपने सुधारवादी क्रांति के लिए अपने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों कों जारी रखें और यदि वह मार भी दिए जाएं तब भी यह क्रम जारी रखें। उन्होंने अपने समर्थकों के बीच कहा कि अधिकतर भ्रष्ट नेता न केवल अपने भ्रष्टाचार के सरकार सरकार में लौटे हैं बल्कि उनके पास इस समययय बहुत अधिक पैसा और हथियार हैं, वह आप लोगों पर एक क़ैदी की भांति नज़र रखना चाहते हैं किन्तु हम केवल ईश्वर के समाने ही शीश नवाएंगे।
वही लेबनान में हिजबुल्लाह के कमांडर आयतुल्लाह हसन नसरुल्लाह से अमेरिका इज़राईल की नींदे उड़ी हुई है,वो कभी भी हसन नसरुल्लाह को शहीद करनें से चूकने वाले नही,लेकिन अल्लाह के करम से अभी तक हिजबुल्लाह का बाल बांका नही कर पाये है।
लेबनान इराक में इज़राईल अमेरिका की इन साज़िशों के साथ इराक की अवाम को ईरान के खिलाफ भड़काकर उनको अलग करने का भी सिलसिला जारी है।
ईरान की एम्बेसी पर हमले अमेरिका इज़राईल अपनी प्लानिंग के तहत करवा रहे हैं।
जिसको अब अवाम भी समझने लगी है। और जल्द ही इनकी साज़िशों को नाकाम करेंगी।