नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नीरव मोदी के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई अधिकारियों के अनुसार यह एफआईआर पंजाब नेशनल बैंक की तरफ मिली शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. गौरतलब है कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से 321 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. सीबीआई ने यह एफआईआर नीरव मोदी, उनकी फायरस्टार डायमंड्स इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष( वित्त) विपुल अंबानी, मुख्य वित्तीय अधिकारी रवि गुप्ता, कंपनी के अन्य निदेशकों और अधिकारियों और बैंक के अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ किया है.
बैंक ने सीबीआई को दी अपनी शिकायत में कहा है कि उसकी आंतरिक जांच के दौरान नीरव की साझेदारी वाली कंपनियों सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड्स और डायमंड आर यूएस और नीरव की ही फायरस्टार ग्रुप ऑफ कंपनीज के बीच‘ सर्कुलर ट्रांसेक्शन’ मिले हैं. इस वजह से बैंक को 321 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि इससे पहले नीरव मोदी ने सीबीआई जांच में सहयोग से इनकार कर दिया है.
सीबीआई ने मोदी को दो अरब डॉलर के कथित घोटाले में उसके समक्ष पेश होने को कहा था. नीरव मोदी ने अपनी कामकाजी व्यस्तता का हवाला देते हुए सीबीआई के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई थी. इसके बाद एजेंसी ने मोदी को अधिक कड़ा पत्र जारी कर जल्द से जल्द पेश होने की बात क ही थी. सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी के आंतरिक मुख्य ऑडिटर एमके शर्मा को गिरफ्तार किया है. वह मुख्य प्रबंधक स्तर के अधिकारी हैं.
यह बैंक के किसी ऑडिटर की पहली गिरफ्तारी थी. शर्मा, स्केल-चार स्तर के अधिकारी थे, उसपर बैंक की ब्रैडी हाउस शाखा की प्रणालियों और कामकाज के तौर तरीकों की आडिट की जिम्मेदारी थी. इसी शाखा से साख पत्र (एलओयू) जारी किए गए, जिससे नीरव मोदी ने अन्य बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज लिया.