“गज़ा और लेबनान में ज़ायोनी ताक़तों की हार तय, झूठी अफवाहें फैलाने वाली पश्चिमी मीडिया का फिर हुआ पर्दाफाश”
तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क
तेहरान: इस्लामी इंक़लाब के रहनुमा अयातुल्लाह सैयद अली खामेनई ने सोमवार को बसीज फ़ोर्स के हजारों स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए इजराइल और अमेरिका की ज़ायोनी नीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने मासूम नागरिकों, अस्पतालों और घरों पर बमबारी को दुनिया के सामने ज़ायोनी ताक़तों की नैतिक हार बताया।
रहबर ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि गज़ा और लेबनान में ज़ायोनी ताक़तों की हर कोशिश नाकाम साबित हुई है और भविष्य में भी उनके हर दमनकारी कदम का माकूल जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “ज़ायोनी दुश्मन को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वे निर्दोषों पर हमला करके विजय प्राप्त कर सकते हैं। यह हरगिज़ फतह नहीं बल्कि इंसानियत के खिलाफ एक शर्मनाक अपराध है।”
शांति के दुश्मन ज़ायोनी और उनके झूठ का पर्दाफाश
अयातुल्लाह खामेनई ने ज़ायोनी और पश्चिमी मीडिया पर ग़लत सूचना और अफवाहें फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार उनकी साज़िशें बेनकाब हो रही हैं। “दुनिया जान चुकी है कि ज़ायोनी ताकतें केवल झूठ और अन्याय के सहारे अपने मंसूबों को पूरा करने की कोशिश करती हैं, लेकिन सच्चाई और इंसाफ़ के सामने उनकी हर चाल नाकाम है।”
दुनिया में इंसाफ़ और शांति का संदेश
रहबर ने बसीज फ़ोर्स को इंसानियत और न्याय के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की ताकीद की। उन्होंने कहा कि दुनिया के मजलूमों को जुल्म से बचाना हर इंसाफ़पसंद इंसान का फर्ज़ है। “गज़ा और लेबनान में जो हो रहा है, वह केवल मुस्लिम समुदाय का नहीं, बल्कि पूरी मानवता का मुद्दा है।”
ज़ायोनी ताक़तों के पतन की ओर बढ़ता इतिहास
अयातुल्लाह खामेनई का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ज़ायोनी ताक़तें क्षेत्र में अपनी दमनकारी नीतियों को बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन गज़ा और लेबनान में उनकी हर कोशिश को बार-बार असफलता का सामना करना पड़ा है। दुनिया के इंसाफ़पसंद लोग अब खुलकर ज़ायोनी अत्याचारों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं, और यह साबित हो चुका है कि ज़ायोनी ताक़तों का पतन अब निकट है।
इंसानियत के खिलाफ अपराध को कभी फतह नहीं माना जा सकता
रहबर अयातुल्लाह खामेनई ने ज़ायोनी ताक़तों की बर्बरता को कड़ी आलोचना का निशाना बनाते हुए कहा कि मासूम नागरिकों पर हमले, अस्पतालों पर बमबारी और निर्दोष लोगों की हत्या को दुनिया की कोई भी नैतिकता “विजय” नहीं मान सकती। उन्होंने कहा, “इस तरह के अपराधों से ज़ायोनी ताक़तें न केवल अपनी नैतिक हार साबित कर रही हैं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने समर्थन को भी खो रही हैं।”
गज़ा और लेबनान: ज़ायोनी ताक़तों की कब्रगाह
अयातुल्लाह खामेनई ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि गज़ा और लेबनान में हर बार ज़ायोनी ताक़तों को असफलता का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, “दुश्मन चाहे जितनी भी साजिशें कर ले, वह गज़ा और लेबनान में फतह हासिल नहीं कर सकता। इन क्षेत्रों के बहादुर लोग और मुजाहिदीन हर हमले का डटकर सामना कर रहे हैं और उनकी यह हिम्मत ज़ायोनी ताक़तों के लिए हार का पैगाम है।”
ज़ायोनी मीडिया के झूठ और अफवाहें बेनकाब
पश्चिमी और ज़ायोनी मीडिया द्वारा फैलाई जा रही झूठी खबरों और अफवाहों पर भी रहबर ने करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि झूठे प्रचार के जरिए ज़ायोनी ताक़तें माहौल खराब करने की कोशिश करती हैं, लेकिन हर बार उनके झूठ का पर्दाफाश हो जाता है। उन्होंने बसीजियों और इंसाफ़पसंद लोगों को इस झूठे प्रचार का मुकाबला करने और सच्चाई को उजागर करने की ताकीद की।
बसीजियों को दी इंसाफ़ की लड़ाई में आगे बढ़ने की ताकीद
रहबर ने बसीज फ़ोर्स की भूमिका की तारीफ करते हुए कहा कि वे सिर्फ एक स्वयंसेवी संगठन नहीं हैं, बल्कि इंसाफ़ और इंसानियत के सबसे बड़े पैरोकार हैं। उन्होंने कहा, “आपका फर्ज़ है कि मजलूमों की मदद करें, ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें, और इस्लाम के न्यायप्रिय संदेश को दुनिया भर में फैलाएं।”
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और इंसानियत का बढ़ता कारवां
गज़ा और लेबनान में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अयातुल्लाह खामेनई का यह संदेश अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गूंज रहा है। दुनिया भर के स्वतंत्रता पसंद लोग और मानवाधिकार संगठन ज़ायोनी अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “आज दुनिया की अवाम समझ चुकी है कि कौन अत्याचारी है और कौन इंसाफ़ के लिए खड़ा है। यह जागरूकता ही ज़ायोनी ताक़तों के पतन का सबसे बड़ा कारण बनेगी।”
“भविष्य न्याय और शांति का है”
अयातुल्लाह खामेनई ने अपने बयान के अंत में कहा कि ज़ुल्म और अन्याय की ताक़तें चाहे कितनी भी मजबूत क्यों न दिखें, अंततः उनका पतन होता है। उन्होंने कहा, “दुनिया में इंसाफ़ और मानवता के लिए लड़ाई जारी है, और गज़ा व लेबनान के बहादुर लोग इस लड़ाई के सबसे बड़े नायक हैं। ज़ायोनी ताक़तों का पतन तय है, और भविष्य इंसाफ़ और शांति का होगा।”
ज़ुल्म के खिलाफ एकजुटता की ज़रूरत
अयातुल्लाह खामेनई का यह बयान केवल एक भाषण नहीं, बल्कि दुनिया भर के इंसाफ़पसंद लोगों के लिए एक संदेश है कि ज़ुल्म के खिलाफ खड़ा होना ही मानवता की सच्ची सेवा है। यह साबित हो चुका है कि ज़ायोनी ताक़तों की बर्बरता और झूठे प्रचार का मुकाबला सच्चाई और इंसानियत की ताकतों से किया जा सकता है।
“दमनकारी ताक़तों का अंत तय है और इतिहास गवाह है कि हमेशा इंसाफ़ और मानवता की जीत हुई है।”