
तहलका टुडे के एडिटर रिज़वान मुस्तफा से खास बातचीत के अंश
ग्रुप फोटो: शहीद जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी जैनब सुलेमानी से मुलाकात कर पुरसा देते रिज़वान मुस्तफा
तेहरान से खास रिपोर्ट
ईरान / तेहरान (तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क)
संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल ने सीरिया और इराक में अपने राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आतंकवादी संगठनों और सशस्त्र समूहों का निर्माण किया, ताकि ग्रेटर इज़राइल के सपने को पूरा किया जा सके।
लेकिन मेरे पिता कासिम सुलेमानी शहीद ने सीरिया और इराक की जनता और सरकार के पूर्ण समर्थन से आतंकवादी सशस्त्र समूहों को हरा दिया। आज अमेरिकी साम्राज्यवाद और उसका पारंपरिक मीडिया और सोशल मीडिया दुनिया के उत्पीड़ित लोगों के दिमाग से मेरे शहीद पिता का नाम मिटाने की लगातार कोशिश कर रहा है।लेकिन उसके बाद भी लोगों का प्यार लगातार बढ़ रहा है। ये विचार इराक पर अमेरिकी हमले के दौरान शहीद हुए जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी ज़ैनब सुलेमानी ने तेहरान में पुरसे के दौरान बातचीत में व्यक्त किए. ज़ैनब सुलेमानी ने आगे कहा कि यह एक ईश्वरीय परंपरा है कि सच्चाई की लड़ाई और असत्य जो सृष्टि के आरम्भ से आरम्भ हुई , प्रलय के दिन तक चलती रहेगा, जिसमें सत्य और उत्पीड़ितों की विजय होगी।
उन्होंने कहा, “भारत और वहां के लोगों के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान महान संघर्ष के माध्यम से अपने प्यारे देश को आजाद कराया।” धर्म, रंग या पंथ, या क्षेत्र चाहे जो भी हो, जबकि वे भगवान की रचना हैं, यह सब मानव और मानवता से जुड़े हैं और मानवता के बुनियादी अधिकार मानव का अधिकार है । इसलिए मानवाधिकारों की रक्षा हर इंसान के लिए अनिवार्य है और विशेष रूप से मुसलमानों के लिए। हालांकि मेरे पिता एक उच्च पदस्थ सैन्य जनरल थे, वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक दयालु पिता और सच्चे दोस्त के रूप में रहते थे। उन्हें अपने बच्चों के जन्मदिन याद थे और हमें युद्ध के मैदान से बधाई देते थे । मेरे पिता मुझे कई बार सीरिया और इराक में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने वाली लड़ाइयों में अपने साथ ले गए थे। जब वह कभी किसी मासूम बच्चे को रोते हुए देखते तो उनकी आंखों से आंसू बह निकलते ।
वह बहादुर और साहसी थे और अपने जीवन का बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उन्होंने सीरिया, इराक, लेबनान और गाजा की लड़ाई में ज़ायोनीवाद और अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ युद्धों में सेना का नेतृत्व किया।
उन्होंने अक्सर अपने भाषणों और अपने बच्चों के साथ बातचीत में कहा है कि इज़राइल वास्तव में अमेरिका और नाटो का सैन्य अड्डा है किंतु अब यह देश अपनी अंतिम सांसें ले रहे हैं।
मेरे दिवंगत पिता शहीद कासिम सुलेमानी हमसे आग्रह करते थे कि हम ईश्वर की याद में व्यस्त रहें और हर समय उत्पीड़ितों का समर्थन करें।ज़ैनब सुलेमानी ने सभी भारत में जनरल कासिम सुलेमानी के प्रशंसकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं उनके प्यार का सम्मान करती हू और चाहती हूं कि एक बार भारत जाऊं ।
इस मौके पर रिज़वान मुस्तफा ने भारत की मीडिया में शहीद कासिम सुलेमानी के सम्मान में की गई पत्रकारिता और लखनऊ के चाहने वालो के बारे में बताया और ये भी कहा कि आप भारत आए तो यू पी राजधानी लखनऊ जरूर आए,भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथारिटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नकवी,और 1200 मकतबो के बोर्ड तंजीमुल मकातिब के सेक्रेट्री मौलाना सैयद सफी हैदर,श्री राम की धर्म नगरी अयोध्या के वसीका आरबिक कॉलेज ने जो शहीद के लिए मजलिसों और शोक सभा का आयोजन करवाया उसके बारे में तफसील से बताया,
नगराम ,लखनऊ,बाराबंकी समेत यूपी के मोमिनीन की तरफ से ताज़ियत पेश किया
