तहलका टुडे टीम
लखनऊ क़िब्ला-ए-अव्वल बैतुल मुक़द्दस की पुनः वापसी और मज़लूम फिलिस्तीनियों की हिमायत में,इज़राइल की बर्बरता के ख़िलाफ़ मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के द्वारा पूरे भारत में कुद्दस दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय कुद्स दिवस के मौके पर जुमातुल विदा के बाद नमाज़ियों ने इज़रायली बर्बरता के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में शियों के नरसंहार के ख़िलाफ़ भी विरोध प्रदर्शन किया गया। नमाज़ियों ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से मांग करते हुए कहा कि क़िब्ला-ए-अव्वल पर मुसलमानों का पहला अधिकार हैं, हम इस अधिकार को नहीं छोड़ सकते।
असीफी मस्जिद लखनऊ में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नाएब इमामे जुमा मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने कहा कि फ़िलिस्तीन में सत्तर वर्षों से मज़लूमों पर ज़ुल्म हो रहा हैं लेकिन पूरी दुनिया मूकदर्शक बनी हुई है। क़िब्ला-ए-अव्वल पर इज़राइलियों का क़ब्ज़ा हैं क्योंकि अधिकांश अरब देश औपनिवेशिक शक्तियों की कटपुतली बने हुए हैं। आज दुनिया भर के मुसलमानों को अरब देशों के विश्वासघात की वजह से अपमानित होना पढ़ रहा हैं। अगर मुसलमान विश्व स्तर पर अपनी एकता का मुज़ाहेरा करें तो मुसलमानों के अधिकारों का हनन करने की हिम्मत किसी बड़ी ताक़त में नहीं होगी।
इमामे जुमा मौलाना सै० कल्बे जवाद नक़वी अपनी बीमारी के कारण विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके। प्रदर्शनकारियों को दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। या तो इस्लाम विरोधी ताकतें मुसलमानों को मार रही हैं या मुसलमान मुसलमानों को मार रहे हैं। मौलाना ने कहा कि इज़राइल मुस्लिम देशों की तुलना में छोटा देश है लेकिन वह लगातार फिलिस्तीनियों पर अत्याचार कर रहा है और अरब देश चुप हैं,एक समय अरबों का ग़ैरत मशहूर थी लेकिन आज उनकी बेग़ैरती मशहूर हैं। मौलाना ने कहा कि इमाम ख़ुमैनी ने फ़रमाया था अगर सभी मुसलमान एक होकर इज़राइल पर एक मुट्ठी ख़ाक भी फेंक दें तो वो ख़त्म हो जायेगा। लेकिन दुख की बात है कि आज अरब देशों में एकता नहीं है। केवल ईरान ही हैं जो औपनिवेशिक शक्तियों के ख़िलाफ़ खड़ा है। अगर ईरान आज इज़राइल के वजूद को तस्लीम कर लें तो ईरान की तमाम तर परेशानियां ख़त्म हो जाएगी। ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध सिर्फ इसलिए लगाए गए हैं क्योंकि वह मज़लूमों का समर्थन करता हैं।
विरोध प्रदर्शन के आख़िर में हुसैनी टाइगर्स के सदस्यों ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और जहां जहां भी शियों का नरसंहार हो रहा हैं उसके ख़िलाफ़ सदा-ए-एहतेजाज बुलंद की। विरोध प्रदर्शन में मौलाना मुशाहिद आलम रिज़वी, मौलाना अक़ील अब्बास मारुफ़ी, मौलाना फ़िरोज़ हुसैन, मौलाना वसी आबिदी, मौलाना साबिर अली इमरानी, मौलाना निहाल हैदर, शमील शम्सी, मीसम रिज़वी और अन्य मौजूद थे। निज़ामत आदिल फ़राज़ नक़वी ने की।
अंतर्राष्ट्रीय कुद्स दिवस पर मजलिसे उलेमाए हिन्द सयुंक्त राष्ट्र और अपने देश भारत की सरकार से मांग करती है किः
मांगें :
1-ग़ाज़ा में जारी इज़राइली आतंकावाद पर तुरंत कार्यवाही की जाये और मानवाधिकारों की पामाली एंव उलंघन के जुर्म में अंतर्राष्ट्रीय अदालत में मुक़दमा चलाया जाये।
2- येरुशेलम पर मुसलमानों का पहला अधिकार है इसलिए येरुशेलम को इज़राइली राजधानी तस्लीम करने के अमेरिकी फैसले के खि़लाफ़ सख़्त क़दम उठाये जायें।
3- येरुशेलम में अमेरिकी दूतावास के स्थानांतरण को अवैध क़रार दिया जाये।
4-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों ख़ास कर शियों की नरसंहार का आत्म निरीक्षण करते हुए दोषी देशों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अदालत में मुकदमा किया जाये।
5-हम अपने देश भारत की सरकार से मांग करते है कि भारत जिस तरह हमेशा से फ़िलिस्तीन के मज़लूमों के समर्थन में इज़राइली बर्बता एंव आतंकवाद की निंदा करता रहा है,उसे जारी रखा जाये और इज़राइल को एक देश के रूप में मान्यता ना दी जाये।
अपने दिलों में अदालत का जज़्बा बढ़ाएं ताकि आदिल इमाम अपनी अद्ल की हुकूमत क़ायम कर पाएं – मौलाना अली अब्बास खान
एक से बढ़कर एक ज़लील अमरीका और इजराईल के नारो के बीच
बाराबंकी जामा मस्जिद इमामिया में जुम्मतुल विदा पर मजलूमों की हिमायत और जालिमों की मज़म्मत में हुआ एहतेजाज मनाया गया यौमुल क़ुद्स
बाराबंकी । जुम्मतुलविदा के मौके पर यौमुल कुद्स व यौमुल इस्लाम के उनवान से इंसानियत के दुश्मनों के ख़िलाफ बाराबंकी के हक़ पसन्द इंसानों ने किया एहतेजाज। अमरीका और इजराईल के खिलाफ लगाए जोरदार नारे एक से बढ़कर एक ज़लील अमरीका और इजराईल के बीच मौलाना अली अब्बास खान साहब ने कहा मस्जिद में एहतेजाज सिद्दीका ताहेरा फातिमा ज़हरा की सुन्नत है।
मौलाना अली अब्बास ने आगे कहा हम मस्जिद में एहतेजाज कर के ये बताना चाहते हैं कि हम कल भी ज़ालिम के ख़िलाफ थे आज भी है और कल भी रहेंगे। क़ुरआन अदालत का बेहतरीन ज़रीया है इसको अमल में लाएं । आदलाना निज़ाम बनाएं ताकि आदलाना हुकूमत क़ायम हो पाये । अपने दिलों में भी अदालत का जज़्बा बढ़ाएं ताकि आदिल इमाम अपनी अद्ल की हुकूमत क़ायम कर पाएं ।
मौलाना सैयदुल हसन साहब ने कहा मज़लूम की हिमायत और ज़ालिम की मज़म्मत ही शीयत की पहचान है । ग़ासिब की ज़मीन नहीं होती चोर चोर ही रहता है मालिक नहीं होता । मज़लूमों की हिमायत और ज़ालिम की मज़म्मत में उठी हमारी आवाज़ दुश्मनों के दिलों को दहला देती है ।
मौलाना सैयद मोहम्मद इब्नेअब्बास साहब ने कहा कर्बला के इंकलाब की किरन का नाम है मज़लूमों की हिमायत और ज़ालिम के ख़िलाफ एहतेजाज ।इमाम ए खुमैनी की कोशिश आज रंग लाई है अन करीब इजराईल का खात्मा तय है।
बैतुल मुकद्दस आजाद होने में अब देर नहीं ।इमाम ए जुमा मोहम्मद रज़ा ने भी इजहार ए ख़याल पेश किया ।करबला सिविल लाइंस के पेश इमाम मौलाना हिलाल अब्बास और मौलाना अब्बास मेहदी “सदफ़” के साथ मज़हर आब्दी व सैकड़ों की तादात में नमाज़ी मौजूद रहे।
आयोजको ने सभी का शुक्रिया अदा किया