
तहलका टुडे टीम
लखनऊ, 19 अक्टूबर: हुसैनाबाद ट्रस्ट में जारी भ्रष्टाचार, इमारतों की बदतर हालत, वक़्फ़ की संपत्तियों पर अवैध कब्ज़े और वक़्फ़ सज्जादिया आलमनगर की जमीन के सिलिंग में दर्ज होने पर मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने गहरी नाराज़गी जताई है। मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव और भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो जिलाधिकारी के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
वक़्फ़ सज्जादिया पर सिलिंग और अवैध कब्ज़े का आरोप
मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि वक़्फ़ सज्जादिया आलमनगर की ज़मीन को अवैध तरीके से सिलिंग में दर्ज कर दिया गया है, जबकि कानूनी तौर पर वक़्फ़ संपत्ति को सिलिंग में दर्ज नहीं किया जा सकता। इसे एक साजिश करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह ज़मीन पर कब्ज़ा करने का प्रयास है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस संपत्ति को सिलिंग से नहीं हटाया गया तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। मौलाना ने यह भी कहा कि वक़्फ़ सज्जादिया आलमनगर में करीब 300 मकान हैं, जिन्हें तोड़कर ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने की साजिश हो रही है, जिसे वे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
शाही शिफाखाना: गरीबों के इलाज के लिए बना, लेकिन बेचा गया
मौलाना ने बताया कि शाही शिफाखाना, जिसे बादशाह ग़ाज़ीउद्दीन हैदर ने गरीबों के इलाज के लिए बनवाया था, अब बिक चुका है। मौलाना ने आरोप लगाया कि इस वक़्फ़ को कमिश्नर की निगरानी में बेचा गया और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिफाखाना की बची हुई दुकानों का किराया अब एल.डी.ए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) वसूल कर रहा है, जो कि कानून का उल्लंघन है।
हुसैनाबाद ट्रस्ट में भ्रष्टाचार और जिलाधिकारी पर आरोप
मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने हुसैनाबाद ट्रस्ट में जारी भ्रष्टाचार और अव्यवस्था की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की इमारतें जर्जर हालत में हैं, और वक़्फ़ संपत्तियों पर कब्ज़ा हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी और एडीएम ट्रस्ट की आय को अपने कब्ज़े में लेकर मनमाने ढंग से खर्च कर रहे हैं। मौलाना ने कहा, “हुसैनाबाद ट्रस्ट पर जिलाधिकारी और एडीएम का कब्ज़ा है। उनकी निगरानी में ट्रस्ट की आय का कोई हिसाब-किताब नहीं है।”
जिलाधिकारी आवास पर धरना देने की चेतावनी
मौलाना ने एल.डी.ए द्वारा जिलाधिकारी के बंगले को सरकारी संपत्ति बताने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह बगंला असल में वक़्फ़ संपत्ति है और इसे वक़्फ़ में दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हुसैनाबाद ट्रस्ट और वक़्फ़ सज्जादिया आलमनगर के मसले हल नहीं हुए, तो जिलाधिकारी आवास पर धरना दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस घर में जिलाधिकारी रहते हैं, वहां एक इमामबाड़ा भी है, जो वक़्फ़ संपत्ति है।
बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी
मौलाना ने कहा कि वे जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसमें आगे की रणनीति और आंदोलन की रूपरेखा पेश की जाएगी। यदि सरकार ने वक़्फ़ संपत्तियों के संरक्षण के लिए कदम नहीं उठाए, तो एक बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।
उन्होंने सभी जागरूक नागरिकों और धार्मिक संगठनों से अपील की है कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएं और वक़्फ़ संपत्तियों के संरक्षण के लिए एकजुट हों। मौलाना ने कहा, “यह हमारी धार्मिक धरोहर है, और इसे बचाने के लिए हर संभव कदम उठाना हमारी जिम्मेदारी है।”