
लखनऊ :सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वरासत से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी निश्चित समय सीमा के अंदर हो। इसके लिए किसी व्यक्ति को बार-बार तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत न पड़े। इसी तरह पैमाइश की समस्याओं का समाधान भी तय समय पर हो। इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा तो अपराध में आधे से ज्यादा कमी आ जाएगी।
रजिस्ट्री करने से पहले खतौनी की करें पड़ताल
मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्री विभाग को भी राजस्व विभाग के साथ मिलकर व्यवस्था बनानी होगी। किसी की जमीन की रजिस्ट्री करने से पहले उसकी खतौनी की पड़ताल कर लें। यदि रजिस्ट्री करने वाले के नाम खतौनी नहीं है तो उसे पुलिस के हवाले कर दें, ताकि पुलिस उसे कुछ और ‘उपहार’ दे सके। ये काम हो जाने से आधी से अधिक समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता दर्शन में आधे से अधिक समस्याएं राजस्व और पुलिस से जुड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि जमीन की इस धोखाधड़ी की चपेट में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी ज्यादा आते हैं। नौकरी करते-करते वे अपने लिए जमीन खरीदते हैं। उसके बाद रिटायरमेंट पर अपनी जमीन पर पहुंचते हैं तो पता चलता है कि वहां किसी और का कब्जा हो है। रिटायरमेंट से पहले गरीबों को न्याय दे चुका दें तो आपके साथ भी न्याय हो जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए है खतौनी के लिए छह साल के इंतजार को खत्म करें। जैसे ही कोई जमीन बेची जा जाए, उसी के साथ खतौनी में नाम दर्ज हो जाए। यह निर्देश उन्होंने शनिवार को लोकभवन में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत 11 लाख ग्रामीणों को आवास प्रमाण पत्र (घरौनी) वितरण कार्यक्रम में दिए। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति एक ही जमीन कई लोगों को बार-बार बेचता है। यह तो पैसा लेकर गायब हो जाता है। बाद में खरीदारों के बीच विवाद होता है। इससे कानून-व्यवस्था की समस्या भी पैदा होती है। इसे हमें हर हाल में रोकना होगा।