प्रदेश सरकार को बदनाम करने वाला आर के तोमर डायरेक्टर उधान विभाग की तानाशाही और कमीशनखोरी खाऊ कमाऊ नीति से कोल्डस्टोरोज और अंडा फॉर्मर परेशान,मुख्यमंत्री से फरियाद साजिशो का हो पर्दाफाश,दर्ज हो भरष्टाचारियो के खिलाफ एफआईआर
तहलका टुडे टीम
लखनऊ: आलू और सब्जी की महंगाई से मज़दूर की कमर तोड़ने की कोशिशों के बीच अंडा एक राहत और ताकत का सबब है,2अंडे के आमलेट खाकर एक इंसान अपने अंदर एक नई ताकत और स्फूर्ति पाता था,कॅरोना जैसी बीमारियी से लड़ने और राहत देने वाला हाय अफसोस गरीबों के इस चारे को उधान विभाग के कमीशनखोर अफसरों की हरकतों से मुसीबत आ गई है,वो भी निदेशालय के एक पत्र निदेशक आर के तोमर के तानाशाही अंदाज में जारी करने से हड़कंप मच गया है,कोल्ड स्टोरेज के मालिकान हलाकान है,अंडे के फार्म मालिक खून के आंसू रो रहे है।आने वाले दिनों में गरीबों के इस कुदरती ताक़त अंडा की शोर्टेज होगी रेट बढ़ेगा जिससे गरीबी की कमर टूटेगी,और जिसका खामियाजा चुनाव 2024 में मुद्दा बनकर दिखेगा?
इस संबंध में 11 अक्टूबर को एक पत्र जिला उद्यान अधिकारी, आगरा, अमरोहा, शाहजहाँपुर, कानपुर नगर, प्रयागराज, जालौन, वाराणसी, जौनपुर, लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर-खीरी।
आलू एवं शाकभाजी विकास अधिकारी, मेरठ,अधीक्षक, राजकीय उद्यान, झांसी। को एक पत्र निदेशक आर के तोमर ने भेजा जिसमें कहा गया कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ०प्र० शासन के पत्र 09 सितम्बर, 2022 के सम्बन्ध में कृपया उपर्युक्त विषयक शासन के पत्र संख्या – 2294/58-2022 दिनांक 29 सितम्बर,
2022 (छायाप्रति संलग्न) में अंकित शासन के पत्र संख्या 90 पीएस / एपीसी / 2022 दिनांक 09 सितम्बर, 2022 तथा निदेशालय के पत्र संख्या-आलू 75 जी / कृषि उत्पादन के अन्तर्गत भण्डारण ( 58 ) दिनांक 12 सितम्बर, 2022 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके द्वारा प्रदेश के शीतगृहों में अवैधानिक व अनियमित रूप से अण्डों का भण्डारण करने वाले शीतगृह मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार नोटिस निर्गत करने व शीतगृहों में अण्डों के भण्डारण हेतु दोषी व्यक्तियों / कर्मचारियों की सूचना प्राप्त कर शासन को तत्काल उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है।
अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि जिलाधिकारी / लाईसेंसिंग अधिकारी (शीतगृह) के माध्यम से उ०प्र० कोल्ड स्टोरेज विनियमन अधिनियम, 1976 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत शीतगृहों में अवैधानिक व अनियमित रूप से अण्डों का भण्डारण करने वाले शीतगृह मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार नोटिस निर्गत करने व शीतगृहों में अण्डों के भण्डारण हेतु दोषी व्यक्तियों / कर्मचारियों की सूचना निदेशालय को उपलब्ध करायें, जिसे शासन को प्रस्तुत किया जा सके।
मुकदमा हाइ कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद भी इस तरह के धमकी भरे आदेश कंटेम्प्ट की श्रेणी में आते है।
अंडा फॉर्मर संघटन का कहना है कि 20 वर्षो से अंडा कोल्ड स्टोरेज में किसान रखते रहे है,क्यों रखने दिया गया अगर मानक सही नही थे,इधर मंदी, घाटे पर बिक रहा अंडा,प्रदेश के कई पोल्ट्री फॉर्म्स बंद हो चुके है,कई सौ करोड़ का कर्जा है बैंकों का,इन हालात में इस तरह के फरमान जारी करने के पीछे प्रदेश सरकार को बदनाम करने और यहाँ के अंडा फॉर्मर और व्यपारियो को कमज़ोर करने और और करोड़ो के कर्ज़ों को डुबोने की तैयारी है,फॉर्मर संघठन ने मांग की है कि 31 दिसंबर तक रक्खे अंडों को निकालने का वक़्त दिया जाय,लेकिन उधान अधिकारी कोल्ड स्टोरेज को सील करने की धमकी देकर ज़बरदस्ती अंडों को निकालने के पत्र लिखवा रहे है।
मालूम हो निदेशालय के एक पत्र जारी किया गया है,जिसकी संख्या – आलू 401-05 / कृषि उत्पाद भण्डारण / (58) 16 सितम्बर, 2022 द्वारा जिला उद्यान अधिकारी, लखनऊ को जनपद के समस्त शीतगृहों का निरीक्षण करते हुये भण्डारित अण्डों को बाहर निकालने हेतु निर्देश निर्गत किये गये थे। उक्त पत्र की प्रतिलिपि समस्त जिलाधिकारी / लाइसेंसिंग अधिकारी (शीतगृह), उत्तर प्रदेश तथा मण्डलीय एवं विभागीय अधिकारियों को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु पृष्ठांकित की गयी है।
निदेशालय के पत्र 16 सितम्बर 2022 के विरोध में गोदावरी पोल्ट्री फारमर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या-28854/2022 योजित की गयी, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेश 20 सितम्बर, 2022 द्वारा निदेशालय के पत्र 16 सितम्बर, 2022 का पुनः परीक्षण करते हुए नवीन आदेश पारित करने के निर्देश दिये गये हैं। रिट याचिका में पारित आदेश का आपरेटिव पार्ट निम्नवत् हैं
“Let this matter be listed on 28.09.2022 as fresh. In the meantime, the second respondent (The Director, Horticulture and Food Processing Uttar Pradesh) shall re examine the order dated 16.09.2022 in the light of the observations above and may pass an appropriate order which is to be placed before the Court by the next date.”
उच्च न्यायालय के आदेश 20 सितम्बर, 2022 के साफ साफ आदेश के बावजूद उसके अनुपालन में निदेशालय ने अपने पत्र 16 सितम्बर, 2022 का पुनः परीक्षण कर
उक्त पत्र में निदेशालय के पत्र संख्या-आलू 398 / कृषि उत्पाद भण्डारण (58) 13 सितम्बर, 2022 द्वारा विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश निर्गत किये गये थे कि प्रदेश के निजी शीतगृहों में
कृषि उत्पाद के साथ एक ही कक्ष में अण्डे कदापि न भण्डारित कराये जाये तथा उ०प्र० कोल्ड स्टोरेज विनियमन अधिनियम, 1976 के उपबन्धों और अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों में निर्दिष्ट शर्तों के अनुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश पारित किये गये थे,
प्रदेश में अधिकतर निजी शीतगृहों द्वारा आलू, फल एवं सब्जियों, दुग्ध उत्पाद व अन्य कृषि उत्पाद के लिए शीतगृह लाईसेन्स दिये गये हैं। आलू भण्डारण हेतु शीतगृह का तापमान 02-04 डिग्री सेन्टीग्रेड तथा सापेक्षिक आर्द्रता 95 प्रतिशत से अधिक होता है, जबकि बी.आई. एस. के मानक- 15.6558.1972 (Indian Standard Code of Practice for Cold Storage of Shell Eggs) के अनुसार एक माह के लिए अण्डों का भण्डारण के लिए तापमान 10-13 डिग्री सेन्टीग्रेड तथा सापेक्षिक आर्द्रता 75-80 प्रतिशत होनी चाहिए।
अण्डों के तीन माह तक स्टोरेज के लिए तापमान 04-07 डिग्री सेन्टीग्रेड तथा सापेक्षिक आर्द्रता 75-80 प्रतिशत होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष, कुक्कुट विकास समिति, बी-6/2, बाल्दा रोड कालोनी, निशातगंज, न्यू हैदराबाद कालोनी, लखनऊ उ0प्र0 के पत्र सं0-0153 दिनांक 06 सितम्बर, 2022 द्वारा एक सुनियोजित साजिश रचकर पत्र मंगवाया गया जिसमे अवगत कराया गया कि “प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में अण्डे के कुछ व्यापारियों द्वारा उ0प्र0 के बाहर से गुणवत्ताहीन व खराब अण्डा मंगाकर स्टोर किया जा रहा है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्ड के प्रस्तर 15.6558.1972 के उप प्रस्तर 2.1 से 2.3 तक में अंडे की गुणवत्ता निर्धारण के मानक दिये गये हैं, जिसमें उनकी ग्रेडिंग, कैंडलिंग (प्रकाश के श्रोत से) एवं उनकी ज़द की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के बाद ही कोल्ड स्टोरेज में रखने का प्राविधान किया गया है। प्रदेश के किसी भी कोल्ड स्टोर में रखे अण्डे के स्टोरेज में व्यापारियों द्वारा किसी भी मानक का पालन नहीं किया गया है। अतः अण्डा स्टोर में न केवल खराब हो रहे हैं बल्कि साथ की अन्य वस्तुओं को खराब कर रह हैं। अण्डे के डिब्बों या ट्रे पर गुणवत्ता सम्बन्धी कोई भी विवरण अंकित नहीं है, इसके अतिरिक्त उन पर उत्पादन तिथि भी अंकित नहीं है। साथ ही सब्जियों, फल आदि शाकाहारी खाद्य के साथ उसी चैम्बर में अण्डे भी रखे जा रहे हैं। चूहें अण्डों को फोड़कर अन्य सामग्रियों को भी अखाद्य बना रहे हैं। इस कारण शाकाहारी जन सामान्य की खाद्य सुरक्षा सम्बन्धी अधिकारों का हनन हो रहा है।”
जिसके क्रम में निदेशालय के पत्र संख्या – आलू 383 / कृषि उत्पाद (58) दिनांक 09 सितम्बर, 2022 द्वारा जनपद प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ एवं शाहजहांपुर के चिन्हित शीतगृहों की जांच करायी गयी, जिसमें पाया गया कि निजी शीतगृहों में व्यापारियों द्वारा भण्डारित अण्डों के लिए बी.आई.एस. के मानक- 15.6558.1972 के अनुसार तापमान एवं सापेक्षिक आर्द्रता का पालन नहीं किया जा रहा है। अण्डों का भण्डारण आलू, फल, सब्जियों एवं अन्य खाद्य पदार्थ के साथ किया गया है। भण्डारित अण्डों का उत्पादन विवरण भी उल्लिखित नहीं किया गया है । शीतगृहों में अण्डों का भण्डारण निर्धारित मानकों के विपरीत हैं, इसलिए निदेशालय के पत्र संख्या – आलू 398 / कृषि उत्पाद भण्डारण / (58) दिनांक 13 सितम्बर, 2022 द्वारा जनपदीय उद्यान अधिकारियों को यह निर्देश निर्गत किये गये थे कि प्रदेश के निजी शीतगृहों में कृषि उत्पाद के साथ एक ही कक्ष में अण्डे कदापि न भण्डारित कराये जाये तथा उ0प्र0 कोल्ड स्टोरेज विनियमन अधिनियम, 1976 के उपबन्धों और अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों में निर्दिष्ट शर्तों के अनुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश पारित किये गये। समीक्षा किये जाने पर पाया गया कि जनपद लखनऊ में आलू, फल, सब्जियों एवं अन्य खाद्य पदार्थ के साथ अण्डों के भण्डारण है, इसलिए जिला उद्यान अधिकारी, लखनऊ को निदेशालय के पत्र संख्या-आलू 401-05 / (58) दिनांक 16 सितम्बर,
2022 द्वारा निदेशालय के पत्र दिनांक 13 सितम्बर, 2022 का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये, जिसकी प्रति प्रदेश के समस्त जनपदीय उद्यान अधिकारी को प्रेषित की गयी। इस पत्र का आशय शीतगृहों में आलू, फल, सब्जियों एवं अन्य खाद्य पदार्थ के साथ मानक के विपरीत भण्डारित अण्डों को भण्डारित कक्ष से बाहर करने का था, क्योंकि अण्डों के भण्डारण के लिए अलग तापमान एवं सापेक्षिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है, इसलिए अण्डों को आलू, फल, सब्जियों एवं अन्य खाद्य पदार्थ के साथ भण्डारित नहीं किया जा सकता है।
उ0प्र0 कोल्ड स्टोरेज विनियमन अधिनियम, 1976 की धारा 2 (क) कृषि उत्पाद के अन्तर्गत कृषि या उद्यान के उत्पादन, पशुपालन या मत्स्य सम्बर्द्धन और ऐसे समस्त खाद्य या पेय पदार्थ है, जो पूर्णतया या अंशतया इनमें से किसी से निर्मित हों, का भण्डारण किया जाता है। प्रकरण में उoप्रo कोल्ड स्टोरेज विनियमन (लाईसेन्स देना) नियमावली, 1976 नियम 7 के अधीन क्रमांक-08 पर उल्लिखित शर्त के अनुसार “लाईसेन्सधारी कोई ऐसा उत्पाद कोल्ड स्टोरेज में स्टोर नहीं करेगा जो कृषि उत्पादों से विपरीत अथवा गन्ध विरोधी हो । विपरीत गन्ध वाली उत्पाद, कोल्ड स्टोरेज के पृथक कक्षों में स्टोर किये जायेंगे”, का उल्लेख किया गया है। चूँकि अण्डा एवं आलू, फल, सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थ विपरीत प्रकृति के हैं, इनके भण्डारण के लिए अलग तापमान एवं सापेक्षिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है, इसलिए अण्डों का भण्डारण आलू, फल, सब्जियों या अन्य खाद्य पदार्थ के साथ नहीं किया जा सकता। प्रदेश के निजी शीतगृहों में भण्डारित अण्डों के बाक्स / क्रेट्स पर उत्पादन की तिथि / स्थान का विवरण अंकित नहीं है, जिसके कारण भण्डारण की अवधि ( 03 माह ) का पता नहीं चल पा रहा है।
इस सम्बन्ध में पुनः निर्देशित किया जाता है कि प्रदेश के जनपदों में स्थापित निजी शीतगृहों में कृषि उत्पाद का भण्डारण उ0प्र0 कोल्ड स्टोरेज विनियमन अधिनियम, 1976 के उपबन्धों और अधिनियम के अधीन बनाये गये उ0प्र0 कोल्ड स्टोरेज विनियमन (लाईसेन्स देना) नियमावली, 1976 में निर्दिष्ट शर्तों के अनुसार कराना सुनिश्चित करें। अण्डों के भण्डारण के लिए बनाये गये शीतगृहों / मल्टी कमोडिटी चैम्बर में निर्धारित बी.आई.एस. मानक के अनुसार निर्धारित तापमान एवं सापेक्षिक आर्द्रता तथा भण्डारित अण्डों पर उत्पादन विवरण अनिवार्य रूप से उल्लिखित हो, का पालन सुनिश्चित किया जाये।
आर के तोमर निदेशक से जब बात करने की कोशिश की गई तो बात नही हो पाई,साहब मीटिंग में है।
बदतर हालात को देखते हुए अंडा व्यापारियों को अजिज करने की साजिशो पर मुख्यमंत्री जी की नजर ही कुछ कारगर साबित हो सकती है,और गरीबों को राहत मिल सकती है।
वही आवाम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र लिखकर प्रदेश के अंडा उत्पादकों के उत्पीड़न और पंजाब समेत कई प्रदेशों के अण्डा उत्पादकों को राहत देने की साजिशो की जांच कर दोषी डायरेक्टर और उधान के अधिकारियों को निलंबित कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।