लंदन : हम आपको बता दें कि टॉइलट सीट से भी ज्यादा गंदी चीजें हमारे आसपास मौजूद हैं। अक्सर हम इनसे अनजान रहते हैं और यह सोचे बिना की इनसे भी बीमारी फैल सकती है बेधड़क इनका इस्तेमाल करते रहते हैं। कौन सी हैं वो जगहें जो टॉइलट सीट से कई गुना ज्यादा गंदी होती हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम की रिसर्च के अनुसार, एयरपोर्ट पर इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक सिक्योरिटी ट्रे किसी भी पब्लिक टॉयलेट के मुकाबले कई गुना ज्यादा गंदे होते हैं। इन ट्रे के इस्तेमाल से इंसान को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इन ट्रे में इतने ज्यादा वायरस होते हैं कि यह किसी भी इंसान को सर्दी-जुखाम, निमोनिया और ब्लैडर इंफेक्शन दे सकते हैं।
मोबाइल फोन अक्सर टॉइलट की सीट से भी ज्यादा गंदे होते हैं। वैज्ञानिकों ने सूक्ष्मजीवों की ऐसी तीन नई प्रजातियों की पहचान की है, जो मोबाइल फोनों पर पनपते हैं। कुछ स्मार्ट फोनों पर तो ऐसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जिनपर दवाओं का असर ही नहीं होता।
साल 2015 में यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफर्निया में मॉलिक्यूलर माइक्रोबायॉलजी ऐंड इम्यूनॉलजी डिपार्टमेंट के एक अध्ययन में पाया गया था कि टॉइलट की सीट पर 3 तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं जबकि मोबाइल फोन पर औसतन 10-12 विभिन्न तरह के फंगस और बैक्टीरिया पाए जाते हैं।
ब्रिटिश संस्था ‘इनिशल वॉशरूम हाइजीन’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि टी बैग वाली चाय में टॉइलट सीट से 17 गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। अधिकतर ऑफिसों में टी बैग वाली चाय होती है क्योंकि ऑफिसों के लिहाज से वह ज्यादा सुविधाजनक होती है।
मगर इस रिपोर्ट के मुताबिक, एक टॉइलट सीट पर जहां 220 बैक्टीरिया होते हैं, वहीं एक ऑफिस टी बैग पर 3,785 बैक्टीरिया पाए जाते हैं। प्लेन की सीट में लगे सीट बेल्ट के बकलस में सबसे ज्यादा बैक्टीरिया पनपता है। वजह साफ है। हर दिन कितने ही लोग सीट बेल्ट को बांधने और खोलने के लिए उसे छूते हैं,
लिहाजा कीटाणु फैलना आम बात है। क्या करें- एक हैंड सैनिटाइजर हमेशा अपने पास रखें और सीट बेल्ट बांधने और खोलने के बाद इसका इस्तेमाल जरूर करें।एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि टी टावल यानी किचन में इस्तेमाल होने वाले कपड़े में ई-कोलाइ बैक्टीरिया पाया जाता है
जिससे फूड पॉइजनिंग होने का खतरा रहता है। एक नई रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि किचन में बार-बार एक ही कपड़े का इस्तेमाल करने से परिवार के सदस्यों को फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है।