नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस और वामदलों ने पीएनबी घोटाला मामले में गुरुवार को केन्द्र सरकार पर हमला तेज करते हुए इस मामले में आरोपी नीरव मोदी की दावोस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ तस्वीर को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग की. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि एक घोटाले का आरोपी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल कैसे हो गया और फिर वह देश से भागने में भी कैसे सफल हुआ.
इस बीच भाजपा ने प्रधानमंत्री के साथ दावोस गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में नीरव मोदी के शामिल होने का खंडन किया है. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दावोस गये शिष्टमंडल में नीरव मोदी शामिल नहीं थे, वह खुद वहां पहुंचे थे.
इससे पहले येचुरी ने ट्वीट कर कहा ‘अगर नीरव 31 जनवरी को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से पहले देश से भाग गया तो इसके एक सप्ताह पहले वह दावोस में प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर में कैसे दिख रहा है। मोदी सरकार को इसका जवाब देना होगा.’ एक अन्य ट्वीट में येचुरी ने कहा ‘यह भी सामान्य बात हो गयी है कि भारत में बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को मोदी सरकार द्वारा देश से बाहर जाने दिया जाता है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अमीरों को जनता का पैसा लूटने की इजाजत दे रखी है, जबकि गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को कर देना पड़ता है.
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरिक ओ ब्रायन ने भी इस मामले में सरकार की आलोचना करते हुये कहा ‘11 हजार करोड़ रुपये बहुत बड़ी राशि है. बजट 2018 में स्वास्थ्य और शिक्षा के लिये करदाताओं की गाढ़ी कमाई से 11000 करोड़ रुपये सेस वसूलने का प्रावधान है.’
भाकपा नेता डी राजा ने इसे राष्ट्रीयकृत बैंक की दूसरी सबसे बड़ी धोखाधड़ी बताते हुये कहा कि गड़बड़ी का यह सिलसिला कई सालों से चल रहा था. उन्होंने पूछा कि सीबीआई ने कार्रवाई करने में इतनी देर क्यों की और बैंक के अधिकारी भी समय से जांच शुरू करने में विफल रहे. राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की इस बारे में देश के प्रति जवाबदेही बनती है कि उनके कार्यकाल में इस तरह की धोखाधड़ी हुई.