नई दिल्ली: केंद्र सरकार से अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि कई बार अपनी समस्याओं को लेकर वह पीएम मोदी से मिलना चाहा और बात करना चाहते थे लेकिन उन्होंने कभी समय नहीं दिया. इस पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएम ने इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी आंध्र प्रदेश के सीएम का फोन नहीं उठाया. यह आंध्र प्रदेश के लेगों के हित में नहीं है.
टीडीपी के नेता और केन्द्रीय मंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि यह एक अच्छा कदम नहीं है, लेकिन अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण हम मंत्री छोड़ रहे हैं. हमारे अध्यक्ष ने कहा कि हम एनडीए के भागीदार बने रहेंगे. हम प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे.
गौरतलब है कि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी पार्टी ने बुधवार को केंद्र सरकार से अलग होने का फैसला किया. इसके बाद टीडीपी ने अपने दो केंद्रीय मंत्रियों को सरकार से वापस बुला लिया है. नायडू ने कहा कि किसी फैसले तक पहुंचने से पहले मैं पीएम मोदी से मिलना चाहता था. इस बाबत मैंने कई बार उनसे भेंट करने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कभी समय नहीं मिला.
मैं अब देखना चाहता हूं कि बीजेपी यहां से आगे कैसे काम करती है. नायडू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य सरकार या अपने सहयोगियों की बात सुनने के लिए जरा भी तैयार नहीं है. हम शुरू से ही आंध्रा के लिए विशेष मांग कर रहे थे. इसका पता पीएम को भी था. उन्होंने कहा कि मैंने अपने स्तर पर आंध्रा को लेकर केंद्र सरकार की सोच को कई बार बदलने की कोशिश भी की लेकिन मुझे सफलता नहीं मिली. मेरे राज्य के लिए यह काफी महत्वपूर्ण समय था.
लिहाजा मैंने अपने राज्य की जरूरतों के लिए आवाज उठाई. और जरूरत पड़ने पर आगे भी उठाता रहूंगा. सीएम नायडू ने कहा कि वह किसी से गुस्सा नहीं है. मैनें यह फैसला सिर्फ और सिर्फ आंध्रा प्रदेश की जनता की भलाई के लिए लिया है.