नई दिल्ली । अगर ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए तैयार मसौदा नीति के प्रस्ताव लागू कर दिए जाते हैं तो इस क्षेत्र के कारोबारियों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दौर के तहत प्रस्तावित स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) से छुटकारा मिल सकता है।
समिति के प्रस्ताव में कहा गया है कि टीसीएस पर फिर से विचार होना चाहिए। कारोबारियों के लिए इसका मतलब इस अवधारणा को खत्म करने को लेकर है। टीसीएस की दर 1 प्रतिशत तक हो सकती है, जिसे अभी लागू किया जाना है। अभी इसे इस साल सितंबर तक के लिए टाल दिया गया है।
हालांकि टीसीएस पर कारोबारी को क्रेडिट उपलब्ध होगा लेकिन इससे नकदी प्रभावित होगी। जीएसटी कानून में टीसीएस है क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि इससे जो लोग अपने माल की ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं,
उन पर इसके माध्यम से नजर रखने में मदद मिलेगी। बहरहाल ई-कॉमर्स कंपनियों का कहना है कि वे केवल सुविधाप्रदाता हैं और उन पर कर अनुपालन का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
