Tahalka Today Team
नई दिल्ली -वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने निजता के अधिकार समेत अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की मांग करते हुए शनिवार को उच्चतम न्यायालय का न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मामलों में सीबीआई और ईडी द्वारा बेटे कार्ति चिदम्बरम को तलब किये जाने और छापे मारे जाने के बीच यह कदम उठाया है. पेशे से वरिष्ठ वकील चिदम्बरम ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि राजनीतिक बदले की भावना से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन मामलों में ‘अफसोसनाक’ तलाशियां लीं और बार बार सम्मन जारी किया.
याचिका में कहा गया है, ‘यह रिट याचिका संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के सम्मुख समानता), 19 (भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 21 (जीवन और निजी स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के मौलिक अधिकारों, उनके निजता के अधिकार एवं मर्यादा के साथ जीवन जीने के अधिकार की रक्षा के लिए दायर की गयी है.’ चिदम्बरम ने कहा, ‘‘सीबीआई और ईडी राजनीतिक बदले की भावना से तलाशियां लीं, बार बार सम्मन जारी किये, बिना किसी तुक के लंबे वक्त तक लोगों से पूछताछ की, गैरकानूनी ढंग से सावधि जमा कुर्क किये, मीडिया को दुभार्वना से झूठ सूचनाएं लीक कीं तथा मुझे एवं मेरे बेटे एवं उसके साथियों का असीम उत्पीड़न, अपमान किया.’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने और उनके बेटे ने स्पष्ट रुप से इन मामलों में विदेशी निवेश संवर्ध बोर्ड की मंजूरियों में किसी गड़बड़ी से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘‘जिन अधिकारियों से सीबीआई, ईडी ने पूछताछ की, उन्होंने भी स्पष्ट रुप से कहा कि इन दोनों मामलों में मंजूरियां व्यवस्थित ढ़ंग से दी गयीं.’’ पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि असल में वह सीबीआई और ईडी की इन कार्रवाइयों में निशाने पर हैं लेकिन इन एजेंसियों ने इन मामलों में उन्हें या किसी अन्य जनसेवक को आरोपित नहीं किया है.
चिदम्बरम ने एक कानूनी मुद्दा उठाया और पूछा कि क्या उनके और उनके बेटे को नामजद वाली प्राथिमिकी के बिना सीबीआई और ईडी उनके विरुद्ध कथित अपराधों की जांच कर सकती है. उन्होंने शीर्ष अदालत से इन एजेंसियों की अवैध जांच और उन्हें एवं उनके परिवार को परेशान करने की कारर्वाई को बंद करने का निर्देश देने की मांग की.
सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड लेने की एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित रुप से अनियमिताएं हुईं. उस वक्त चिदम्बरम केंद्रीय मंत्री थे. ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज कर रखा है. सीबीआई 2006 में एयरसेल मैक्सिस सौदे को एफआईपीबी से मिली अनापत्ति में कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है.