पत्नी सारा या न्यायमंत्री यारिव लेविन में से कौन बनेगा उनका उतराधिकारी ?
तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क /सैयद रिजवान मुस्तफा
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जिनकी उम्र लगभग 74 वर्ष है, स्वास्थ्य को लेकर चर्चा में हैं। वे दिल के मरीज हैं और उनके शरीर में पेस मेकर लगा हुआ है, जो अमेरिका द्वारा नियंत्रित है। यह पेस मेकर उनके स्वास्थ्य और राजनीतिक स्थिरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हाल में ईरान पर हमले की रणनीति के खुलासे के बाद, पेस मेकर पर संभावित साइबर हमलों की चिंताओं ने एक नई बहस छेड़ दी है। अगर नेतन्याहू की तबियत खराब होती है या उनका निधन होता है, तो उनकी पत्नी सारा नेतन्याहू क्या राजनीतिक जिम्मेदारी संभाल पाएंगी? यह सवाल अब इजराइल की राजनीति में महत्वपूर्ण हो गया है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म 21 अक्टूबर 1949 को हुआ था। जुलाई 2023 में नेतन्याहू को दिल से जुड़ी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और उनके दिल में पेसमेकर भी लगाया गया था,
नेतन्याहू की चार शादियाँ हो चुकी हैं। उनकी पहली पत्नी मीरीम वीज़ल थीं, जिनसे तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने फ्लोर केशर से शादी की, लेकिन यह रिश्ता भी लंबे समय तक नहीं चला। उनकी तीसरी पत्नी जुलिया मेलन थीं, और अंततः उन्होंने सारा बेन-आर्ट्ज़ से शादी की, जो उनकी मौजूदा पत्नी हैं।
उनके तीन बच्चे हैं: याइर, अवनेर और नूह। याइर और अवनेर सारा बेन-आर्ट्ज़ के साथ हुए हैं, जबकि उनकी पहली शादी से हुई बेटी का नाम नूह है।
जहां तक उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी का सवाल है, अभी तक स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि उनके बाद उनकी जगह कौन लेगा, क्योंकि यह निर्णय उनकी पार्टी और राजनीतिक गठबंधन पर निर्भर करेगा। उनके बेटे याइर राजनीति में रुचि रखते हैं, लेकिन उन्होंने सक्रिय रूप से राजनीति में कदम नहीं रखा है।
बेंजामिन नेतन्याहू 1980 के दशक से इजराइल की राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा 1982 में शुरू हुई, जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में इजराइली मिशन में एक राजनयिक के रूप में काम करना शुरू किया। इसके बाद 1984 से 1988 तक वे संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के स्थायी प्रतिनिधि रहे।
1988 में वे इजराइली संसद, नेसेट, के सदस्य बने और इसके साथ ही उन्होंने आधिकारिक रूप से राजनीति में प्रवेश किया। 1993 में नेतन्याहू लिकुड पार्टी के नेता बने, और 1996 में वे इजराइल के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने, जो 1999 तक इस पद पर रहे।
इसके बाद, 2009 में नेतन्याहू फिर से प्रधानमंत्री बने और तब से अब तक उन्होंने कई कार्यकाल पूरे किए हैं, जिससे वे इजराइल के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं।
बेंजामिन नेतन्याहू का पेस मेकर शेबा मेडिकल सेंटर में उनकी हृदय गति में गड़बड़ी का पता चलने के बाद लगाया गया था। हालांकि, उनके पेसमेकर की कंपनी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। सामान्यतः इस प्रकार के पेसमेकर में हृदय की गति को लगातार मॉनिटर किया जाता है, और किसी गड़बड़ी की स्थिति में यह छोटे विद्युत संकेत भेजता है, ताकि हृदय की धड़कन स्थिर बनी रहे। नेतन्याहू के मामले में, यह प्रक्रिया तब की गई जब उनकी हृदय गति अस्थायी रूप से धीमी होने के कारण उनका स्वास्थ्य खतरे में था।
पेस मेकर पर साइबर हमला चर्चा में
पेसमेकर जैसे मेडिकल उपकरणों पर साइबर हमलों का खतरा रहता है। आधुनिक पेसमेकर इंटरनेट से कनेक्ट होते हैं और वायरलेस तकनीक का उपयोग करते हैं, जिससे डॉक्टर इनकी सेटिंग्स को दूर से ही मॉनिटर और अपडेट कर सकते हैं। हालांकि, इसी कनेक्टिविटी के कारण इन उपकरणों में साइबर हमले का खतरा भी सामने आए है।
2017 में, अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया कि कुछ पेसमेकर मॉडल में साइबर सुरक्षा की कमी थी, जिससे उनकी सेटिंग्स को बिना अनुमति बदला जा सकता था। इस वजह से मरीजों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है, क्योंकि किसी साइबर हमले से पेसमेकर की धड़कन को धीमा या तेज किया जा सकता है।
अब, कंपनियाँ पेसमेकर और अन्य मेडिकल डिवाइसेस में मजबूत सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल कर रही हैं ताकि साइबर हमलों से इन्हें सुरक्षित रखा जा सके। लेकिन आज के जमाने के साइबर अटैक हड़कंप मचाए हुए है।
टाइम्स ऑफ इसराइल की रिपोर्ट के मुताबिक पेसमेकर को बंद किया जा सकता है, पेसमेकर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है, और इसे मरीज की जरूरत के अनुसार सेट किया जाता है।पेसमेकर को कोई भी हैकर बंद कर सकता है इस प्रक्रिया को “पेसमेकर डिएक्टिवेशन” कहा जाता है। वैसे ये अस्पताल में एक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट या कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। जब मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है या अंतत: देखभाल में बदलाव की जरूरत होती है, तो इसे बंद करते है।
पेसमेकर को बंद करने से मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर प्रभाव पड़ता है,और वो बेचैनी की हालत में तड़प तड़प कर मर जाता है।
सारा नेतन्याहू और विवाद
बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदा पत्नी सारा नेतन्याहू जो उनके साथ रहती हैं। सारा नेतन्याहू इजराइल में विभिन्न विवादों के कारण अक्सर चर्चा में रहती हैं और सार्वजनिक जीवन में भी उनके पति का समर्थन करती हैं।
सारा नेतन्याहू, जो पेशे से एक मनोवैज्ञानिक और पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट हैं, नेतन्याहू के कई राजनीतिक अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाती हैं और उनके प्रशासन में भी प्रभाव रखती हैं।
क्या सारा संभाल सकती हैं जिम्मेदारी?
नेतन्याहू के स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर, सवाल उठता है कि क्या सारा नेतन्याहू अपने पति की राजनीतिक जिम्मेदारियों को संभालने के लिए सक्षम हैं। अगर नेतन्याहू की तबियत बिगड़ती है या उनकी मृत्यु हो जाती है, तो सारा को राजनीतिक नेतृत्व में स्वीकार किया जाएगा या नहीं, यह सवाल अहम है। इस स्थिति में, कई राजनीतिक दल और सहयोगी उनके समर्थन में आएंगे। क्या वे सारा को एक योग्य नेता मानेंगे? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, क्योंकि इजराइल की राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों और सहयोगियों की भूमिका बहुत अहम होती है।
सारा नेतन्याहू, ने हाल ही में अपने पति की चिकित्सा स्थिति और राजनीतिक भविष्य के बारे में चर्चा में एक दम से आई है, यदि बेंजामिन नेतन्याहू अपनी बीमारी के कारण पद छोड़ते हैं, तो सारा नेतन्याहू को खुद प्रधानमंत्री के पद को संभालने के लिए वो बहुत एक्टिव हो गई है और हर तरीके से वो सांसदों को डील कर उनको मुतासिर कर अपने ताल्लुकात को बढ़ा रही है,
वैसे इज़राइल में ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री का चयन संसद (Knesset) में किया जाएगा, न कि कोई व्यक्ति स्वतः ही पद का उत्तराधिकारी बनता है।
हालांकि, सारा नेतन्याहू की सार्वजनिक छवि और उनके पति के राजनीतिक करियर में उनकी भूमिका को देखते हुए, कुछ कयास लगाए जा रहे हैं कि वह संभावित रूप से राजनीति में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यदि नेतन्याहू की स्थिति गंभीर होती है, तो उनकी पार्टी, सारा की क्षमताओं को ध्यान में रखकर किसी अन्य नेता को भी आगे बढ़ा सकती है, जैसे कि यारिव लेविन, जो कि बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी सहयोगी हैं और मौजूदा सरकार में न्याय मंत्री हैं।
लेकिन सारा की आंखों की किरकिरी है।
हालांकि, इज़राइल की राजनीति में मौजूदा समय में काफी अस्थिरता है, विशेष रूप से नेतन्याहू की न्यायिक सुधार योजनाओं को लेकर व्यापक विरोध हो रहा है। इन हालात में, किसी भी राजनीतिक निर्णय में कई शक्तिशाली दलों और नेताओं की भागीदारी होगी। इसलिए, यह कहना अभी मुश्किल है कि सारा नेतन्याहू की भूमिका या समर्थन किस तरह का होगा, या क्या मंत्रणा चल रही है।इसलिए, इज़राइल में नेतन्याहू के बाद सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया की दिशा अभी भी स्पष्ट नहीं है।
सारा नेतन्याहू की जीवनी और विवाद
सारा नेतन्याहू का जन्म 5 नवंबर 1968 को इजराइल में हुआ था। वे एक उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं और उनके पति की राजनीतिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, उनका व्यक्तिगत जीवन भी कई विवादों से भरा रहा है। उन पर सरकारी धन के दुरुपयोग और खर्चीली जीवनशैली के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। इन विवादों ने उनकी छवि को प्रभावित किया है, लेकिन इसके बावजूद वे नेतन्याहू के साथ खड़ी रही हैं।
अमेरिका का प्रभाव
अमेरिका का इजराइल पर गहरा प्रभाव है, जो नेतन्याहू की राजनीतिक स्थिरता को भी प्रभावित करता है। अमेरिका ने हमेशा इजराइल को सैन्य और वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे नेतन्याहू को अपने निर्णय लेने में सहायता मिली है। हालांकि, यह भी सच है कि अमेरिका की राजनीतिक नीतियाँ नेतन्याहू की हर गतिविधि को प्रभावित करती हैं।
नेतन्याहू की स्थिति ने इजराइल में एक नई राजनीतिक दुविधा पैदा कर दी है। क्या अमेरिका की शक्तियों के कारण नेतन्याहू का राजनीतिक जीवन एक झटके में समाप्त हो जाएगा? और क्या सारा नेतन्याहू इस जटिल राजनीतिक परिदृश्य को संभालने में सक्षम होंगी? इन सवालों का जवाब भविष्य में ही मिलेगा, लेकिन वर्तमान स्थिति ने इजराइल की राजनीति को एक नई दिशा दी है।
यह कहानी केवल एक राजनीतिक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक ऐसे देश की भी है जहाँ एक व्यक्ति के स्वास्थ्य संकट से सम्पूर्ण राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है। नेतन्याहू और सारा के भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।