लखनऊ । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि 29 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान पर होने वाली जनाक्रोश रैली जनता की आवाज बनेगी। केंद्र की भाजपा सरकार 2014 से देश की जनता को धोखा दे रही है। सरकार के खिलाफ पूरे देश में आवाज बुलंद हो रही है। हर साल दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन रोजगार तो मिला नहीं उल्टे नोटबंदी और जीएसटी के कारण लाखों लोगों की नौकरी चली गई। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस कार्यकर्ता 29 अप्रैल को दिल्ली में प्रस्तावित जनाक्रोश रैली के लिए भीड़ जुटाने के जबरदस्त पसीना बहा रहे हैं। इसी क्रम में आज राजबब्बर का पूर्वांचल दौरा रहा।
भाजपा सरकार समाज को बांटने में लगी
जनाक्रोश रैली को लेकर गोरखपुर पहुंचे राजबब्बर ने पत्रकारों से केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हर मोर्चे पर विफल होने के बाद सरकार समाज को बांटने की कोशिश में लगी हुई है। भाजपा का नारा था बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, लेकिन भाजपा के नेता ही नारे के विपरीत कार्य कर रहे हैं। उन्नाव कांड के आरोपी विधायक को बचाने का प्रदेश सरकार ने पूरा प्रयास किया। यहां तक की पीडि़ता के पिता की पीटकर हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान तबाह हो गया है। उन्होंने कहा कि देश की जनता 2019 का इंतजार कर रही है ताकि ऐसी जनविरोधी सरकार को हटाया जा सके। अब तो जनता खुलकर सरकार की बुराई कर रही है। इससे यह लग रहा है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी।
भीड़ जुटाने में कांग्रेस की जोरदार तैयारियां
कांग्रेस को 29 अप्रैल को दिल्ली में हो रही जनाक्रोश रैली के लिए भीड़ जुटाने में पसीना आ रहा है। प्रदेश कमेटी को दो लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य मिला लेकिन सुस्त तैयारियों को देखते हुए लक्ष्यपूर्ति आसान नहीं दिख रही। जिला व शहर अध्यक्षों में उत्साह न होने के अलावा वरिष्ठ नेता भी किनारा किए हैं। प्रदेश संगठन ने जिला व शहर अध्यक्षों को फोन से रैली सफल बनाने का जिम्मा सौंप अपने कत्र्वय की इतिश्री कर ली है। अपने खर्च पर भीड़ दिल्ली लेकर जाने की जिम्मेदारी लेने से जिला व शहर अध्यक्ष कतरा रहे हैं।
रैली को लेकर उदासीनता दुर्भाग्यपूर्ण
दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली जनाक्रोश रैली को कामयाब बनाने के लिए प्रदेशीय नेता कितने गंभीर हैं इसका अहसास जिम्मेदार नेताओं की कार्यप्रणाली को देखकर लग जाता है। तैयारी व्यवस्थित करने के लिए प्रदेश स्तर पर कोई बैठक न होने पर एतराज जताते हुए एक पूर्व विधायक का कहना है कि रैली को लेकर प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर अथवा प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद की उदासीनता दुर्भाग्यपूर्ण है। संगठन प्रभारी व पूर्व विधायक सतीश अजमानी टेलीफोन से जिला एवं शहर अध्यक्षों को रैली की तैयारी में जुटने के लिए कह रहे हैं। साथ ही मंडल प्रभारी व प्रदेश उपाध्यक्षों से अपने आवंटित जिलों में तैयारी बैठक करने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि अधिकतर क्षेत्रों में उपाध्यक्ष बैठक लेने नहीं पहुंचे। कई जिलों में अध्यक्ष के पद पर विवाद होने के कारण तैयारियां ठंडी है। भीड़ जुटाने का अधिक दारोमदार पश्चिम के जिलों पर रहेगा हालांकि अवध व पूर्वांचल के कार्यकर्ता दिल्ली के लिए कूच करेंगे।
एआइसीसी व पीसीसी सदस्यों पर लगी निगाहें
हाल ही में नियुक्त किए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों से भी भीड़ जुटाने की अपेक्षा की गयी है। बता दें कि प्रदेश में 350 एआइसीसी सदस्य बने हैं तो 1300 से अधिक पीसीसी सदस्य भी हैं। इन सदस्यों की नियुक्ति को लेकर घमासान मचा था। प्रत्येक सदस्य को एक बस दिल्ली ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी जाए तो रैली सफल होने में मदद मिलेगी। उधर, संगठन प्रभारी सतीश अजमानी का कहना है कि गेहूं कटाई सीजन होने के बावजूद रैली को लेकर काफी उत्साह है। सभी जिलों से दिल्ली जाने वाले वाहनों की सूची मांगी जा रही है।