रायबरेली । कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने जा रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। खासकर रायबरेली की संगठन प्रभारी प्रियंका गांधी पर उन्होंने गंभीर आरोप लगाए।
जिला पंचायत सभागार में प्रेस वार्ता के दौरान दिनेश प्रताप ङ्क्षसह ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान हरचंदपुर सीट से उन्होंने अपने भाई राकेश प्रताप ङ्क्षसह के लिए टिकट मांगा था। इस पर प्रियंका गांधी ने उनके सामने शर्त रखी कि वह चार ठाकुरों (सदर विधानसभा क्षेत्र से अदिति सिंह, सरेनी से अशोक सिंह, हरचंदपुर से राकेश प्रताप सिंह और स्वयं एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह) को प्रतिनिधित्व नहीं देंगी। अपना इस्तीफा पहले से लिखकर दे दो। अगर सपा और कांग्रेस की सरकार बनती है तो उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा। इस्तीफा लिखाते वक्त बकायदा वीडियोग्राफी भी कराई गई। एमएलसी ने आरोप लगाया कि इस पर उन्होंने सरेनी से ब्राह्मण चेहरा उतारने का सुझाव दिया था लेकिन, इसे नहीं माना गया। कांग्रेस को एक प्राइवेट कंपनी चला रही है। हम कांग्रेस के लिए समर्पित थे लेकिन, कंपनी के लोग हमें हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करते थे।
एमएलसी ने ये भी आरोप लगाया कि जिला पंचायत में उनके भाई अवधेश प्रताप सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो कांग्रेस के सदस्य भाजपा की गाड़ी से घूम रहे थे। उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए हम पर ही कार्रवाई की गई। अविश्वास प्रस्ताव में हमसे वोटरों को अतिरिक्त पैसा दिलाया गया। हमारे भाई के ऊपर फर्जी दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया। साथ ही मेरे दुश्मनों को इन प्राइवेट लोगों ने बढ़ावा दिया ताकि पंचवटी (दिनेश सिंह व उनके भाइयों का आवास) कमजोर हो जाए। इन्हीं वजहों से मैंने कांग्रेस छोडऩे का निर्णय लिया। भाजपा में शामिल होने को लेकर मेरा कोई स्वार्थ नहीं है।