
बाराबंकी-अज़मते जनाबे फ़ात्मा ज़हरा विषय से नगर पालिका हाल में आयोजित सेमिनार में कलकत्ता से आये मौलाना शब्बीर वारसी ने कहा बाबरी मस्जिद की तामीर की मांग करने वाले जनाबे फातिमा ज़हरा की रौज़े तामीर की मांग सऊदी सरकार से एक जुट होकर करें,जब तक हम अहलेबैत का दामन नहीं पकड़ेंगे।तब तक दुनिया मे ज़लील होते रहेंगे।
कार्यक्रम के संयोजक हाजी सैयद तहज़ीब अस्करी की देख रेख में मौलाना जाबिर जौरासी की सदारत और इमामे जुमा मौलाना मोहम्मद रज़ा साहब की निज़ामत में मौलाना शब्बीर वारसी ने आगे कहा कि
जिसकी अध्यक्षता मौ० जाबिर जौरासी ने की । मुख्य अतिथि कलकत्ता से आये मौ० शब्बीर वारसी साहब थे । विशिष्ट अतिथियों में चचा अमीर हैदर, उमैर किदवाई एवं तनुज पुनिया जी थे । मौलाना इब्ने अब्बास, मौ० अली शाबान, मौ० मो० रजा जैदपुरी ,ऐश्वर्य शर्मा आदि ने भी इजहारे खयाल पेश किया । सबसे पहले सभी को माला पहनकर एवं बूके देकर सम्मान किया गया तथा बैच द्वारा अलंकृत किया गया । महफिल का आरम्भ तिलावते कलाम पाक से व हदीसे किसा से किया गया । कलकत्ता से आये आली जनाब मौ० शब्बीर वारसी ने कहा बाबरी मस्जिद की तामीर करने वाले जनाबे फातिमा जहरा की रौजे की मांग सऊदी सरकार से एकजुट होकर करे जब तक हम अहलेबैत का दमन नहीं पकड़ेंगे तब तक दुनिया में जलील होते रहेंगे कार्यक्रम के संयोजक हाजी सै० तहजीब अस्करी की देखरेख में मौ० जाबिर जौरासी की सदारत हुए इमामे जुमा मौ० मो० रजा साहब की निजामत में मौ० शब्बीर वारसी ने आगे कहा – पर्दा उन्ही को बोझ लगता है, जिन्हे बचपन से बेपर्दा घुमाया जाता है, बेटियों को परदे में रखना उनकी शान व अजमत की दलील है, क्योंकि हर कीमती चीज परदे में रखी जाती है, बेटी तो रहमत होती है । आली जनाब मौ० जाबिर जौरासी ने अपनी सदारती तकरीर में कहा फातिमा के चाहने वाले हो तो इत्तेहाद का जरिया बनो इख्तेलाफ का नहीं । हुसैनी पंडित मोहतरमा सुनीता झींगरन ने अपने बेहतरीन तरन्नुम में पेश करते हुए पढ़ा- जिसे सुनकर मोमिनीन झूम उठे नारे रिसालत व नारे हैदरी से हाल गूंजने लगा जिस वक्त उन्होंने अपना कलाम पेश किया । फरमाते है नबी मेरा जलवा है फातिमा, मै आफताब हूॅ तो उजाला है फातिमा । वहीं आली जनाब मौ० साबिर इमरानी ने अपने बेहतरीन अंदाज में नजरानए अकीदत पेश करते हुए पढ़ा- शायर से मिलेगा न सुखनवर से मिलेगा, ईमान का पैगाम इसी दर से मिलेगा । हर एक को मयस्सर नहीं इस दर गुलामी, ये फक्र मिलेगा तो मुकद्दर से मिलेगा । हुसैनी पंडित ऐश्वर्य शर्मा ने कहा- गमे हुसैन व हुब्बे अली व फातिमा अता होता है, ये खरीदने से हासिल नहीं होता । आखिरत को कामियाब करना चाहते हो तो किरदारे फातिमा को अमल में उतारो । आजमगढ़ से आये आली जनाब मौ० मो० अब्बास साहब ने कहा- फातिमा उस अजीम सख्सीयत का नाम है जिसकी ताजीम में नबियो का सरदार खड़ा हो जाता है । आली जनाब मौ० इब्ने अब्बास ने कहा हिदायते इंसानी के लिए एक मुकम्मल किताब है फातिमा । चैदह सौ वर्ष से आज तक जमाना जनाबे फातिमा का जवाब न ला सका । चचा अमीर हैदर, उमैर किदवाई और तनुज पुनिया ने भी इजहारे ख्याल पेश किया आली जनाब मौ० मो० रजा ने कहा अगर लोग जनाबे फातिमा की इताअत करना न छोड़ते तो गुमराही का शिकार न होते और जमाना उन्हें जलीलो रुस्वा न कर पाता । जनाबे फातिमा जहरा के सेमिनार में अकीदतमंदों का हुजूम, सऊदी अरब में रौजाये फातिमा जहरा की तामीर को लेकर शिया सुन्नियो के साथ हिन्दुओ ने की माँग । निजामत के फरायज भी मौ० मो० रजा जैदपुरी ने बेहतरीन अंजाम दिए महफिल का आगाज तिलावते कलाम पाक से आली जनाब मौ० साबिर इमरानी ने किया । तिलावते हदीसे किसा आली जनाब मौ० इब्ने अब्बास ने पेश किया इदराये मुहिब्बाने फातिमा जहरा स० बाराबंकी व प्रोग्राम के कन्वीनर मो० तहजीब अस्करी हुसैन रजा ‘‘रेनू ‘‘व जीशान हैदर ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।