रिज़वान मुस्तफ़ा-9452000001tahalka@gmail.com
लखनऊ-समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव की तबियत खराब,शिव पाल यादव अभी समुंद्र में तैर रहे है,रामगोपाल यादव नेताओ के माल के हिसाब से तोहफे से अपनी ताकत बनाये है,वही अकेले अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनने के लिए बेताब और सोशल इंजीनियरिंग के सहारे इस कामयाबी को पाना चाहते है,लेकिन अड़चने आ रही है,नेता कार्यकर्ता सब परेशान है टिकट की अभी दूर दूर तक घोषणा होने की उम्मीद नही नज़र आ रही है,पार्टी में रार बढ़ रही है,बाहर से आने वालों ने पहले से मौजूद नेताओ की नींद हराम कर दी है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कामयाबी के लिए राजनीतिक दल हरसंभव कोशिश करते दिख रहे हैं. बात समाजवादी पार्टी (एसपी) की करें तो बताया जा रहा है कि उसके कई विधायकों के टिकट पर तलवार लटकी हुई है.
एसपी विधायकों के क्षेत्र की भी स्क्रीनिंग करवा रही है, ऐसे में निष्क्रिय और गलत बयानबाजी करने वाले विधायक निशाने पर आ सकते हैं. पिछले दिनों हुए जिला पंचायत चुनाव के दौरान जो विधायक निष्क्रिय थे, उनका पत्ता गुल होना तय माना जा रहा है.
एसपी के 49 एमएलए हैं, वहीं 48 विधान परिषद के सदस्य हैं. कई विधान परिषद सदस्य भी आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनना चाहते हैं. मगर पार्टी आला कमान किसी भी कीमत पर जीत हासिल कर पाने की स्थिति वाले उम्मीदवारों पर ही दांव खेलेगा.
पार्टी एक चरण की स्क्रीनिंग करवा चुकी है और अभी 6 चरण बाकी हैं. ये 6 चरण पूरे होने के बाद ही होगी टिकट का ऐलान होगा.
इस बीच दूसरे दलों के नेताओं के एसपी में शामिल होने का सिलसिला भी जारी है. हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष गयादीन अनुरागी ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में जन परिवर्तन दल के अध्यक्ष जेपी धनगढ़ भी एसपी में अपनी पार्टी के विलय की घोषणा कर चुके हैं.
एसपी में शामिल होने वालों में दलित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल भारतीय, बलरामपुर के पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक रिजवान जहीर, पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा, विनोद चतुर्वेदी भी शामिल हैं.
लखनऊ बाराबंकी का हाल भी बेहद खराब है,बाराबंकी में 6 में 6 सीट 2012 में लाने वाले अरिवंद सिंह गोप को 2017 में हराने का तमगा पाने वाले राकेश वर्मा फिर मैदान में ताल ठोंके है,उनके पिता केंद्रीय मंत्री रहे बेनी प्रसाद वर्मा गोप से हसद और कीना के चलते कोसते कोसते इस दुनिया से चले गये, गोप की महिमा अपरम्पार देखिये उनकी बहू को ब्लॉक प्रमुख सिरौली गौसपुर से निर्विरोध बनवा कर अपनी अक़ीदत और मोहब्बत का इज़हार कर लोगो को हैरत में डाल दिया,
अब आला कमान इस रामनगर की सीट पर किसको अपना उम्मीदवार बनाता है लोगो की निगाहें है,वही गोप ने सारे बूथ अध्यक्षो की मीटिंग के साथ रात दिन एक करके ये संदेश दे दिया है कि किसी भी कीमत पर रामनगर की दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नही,
वही राकेश के समर्थक वर्मा बिरादरी के दम पर ज़ोर लगाए है,जबकि सूत्रों के मुताबिक वर्मा बिरादरी भाजपा के साथ खुलकर खड़ी नज़र आ रही है।
जैदपुर,कुर्सी,दरियाबाद,हैदरगढ़ की सीट भी अभी अधर में लटकी है कई नए दावेदार लगे है,
लखनऊ की मलिहाबाद,मोहनलालगंज, बक्शी का तालाब,भी अधर में फंसी है,सीतापुर,रायबरेली, गोंडा, बहराइच,श्रावस्ती, में भी सपा के टिकट बंटवारे को लेकर चपकलिश जारी है।