नई दिल्ली । डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में कमजोरी जारी है। सोमवार के कारोबार में भारतीय रुपया 20 पैसे की कमजोरी के साथ 65.40 के स्तर पर खुला। वहीं दिन के साढ़े 11 बजे रुपया 65.45 पर कारोबार करता देखा गया। रुपए में यह गिरावट बीते पांच महीने का निचला स्तर है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 65.20 के स्तर पर बंद हुआ था। जनवरी 2018 में रुपया डॉलर के मुकाबले 63.58 पर कारोबार करता देखा गया था। क्या आप जानते हैं कि रुपए में आई कमजोरी सीधे तौर पर आम आदमी से सरोकार रखती है और उसे नुकसान पहुंचाती है।
कितना हाई और लो छू सकता है रुपया: डॉ रवि सिंह ने बताया कि अगर रुपए के मौजूदा ट्रेंड को देखें तो रुपया 66 के स्तर के आस पास कारोबार करता दिख सकता है। उन्होंने बताया कि रुपया हाल के एक दो महीनों में 64.80 से 65.90 के दायरे में कारोबार करता देखा जा सकता है।
रुपए के कमजोर से आम आदमी को होते हैं ये 4 नुकसान:
महंगा होगा विदेश घूमना: रुपए के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपए खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी: अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपए भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है।
क्रूड ऑयल होगा महंगा तो बढ़ेगी महंगाई: डॉलर के मजबूत होने से क्रूड ऑयल भी महंगा हो जाएगा। यानि जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल महंगा होगा तो सीधे तौर पर महंगाई बढ़ने की संभावना बढ़ेगी।
डॉलर में होने वाले सभी पेमेंट महंगे हो जाएंगे: वहीं अगर डॉलर कमजोर होता है तो डॉलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी महंगा हो जाएगा। यानी उपभोक्ताओं के लिहाज से भी यह राहत भरी खबर नहीं है।