लखनऊ । लंबे समय से सरकार के कई मंत्रियों के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं। इसी वजह से कई महीनों से मंत्रिमंडल का प्रस्तावित विस्तार भी लंबित है। हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे को भी सरकार और संगठन में फेरबदल से जोड़कर देखा गया था। बुधवार को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा संगठन और विचार परिवार की बैठक में भी यही प्रमुख मुद्दा रहा। संघ के पास जो फीडबैक है उसके अनुसार अधिकांश मंत्रियों से जनता, जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता से खुश नहीं हैं।
केंद्र-प्रदेश सरकार की नीतियां ठीक
संघ के पूर्वी क्षेत्र के पदाधिकारियों की यह बैठक विश्व संवाद केंद्र पर हुई। बैठक में संघ की गतिविधियों और अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनजर होने वाले कार्यक्रमों और सरकार के काम-काज पर चर्चा हुई। विचार परिवार के कई पदाधिकारियों ने बताया कि अपने काम-काज, सरकार की छवि और कार्यकर्ताओं की संतुष्टि को लेकर कुछ ही मंत्री गंभीर हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियां ठीक हैं, पर पात्रों तक उनका लाभ नहीं पहुंच रहा है। बार-बार प्रयास के बाद भी मंशा के अनुसार आपसी समन्वय नहीं हो पाया है। इससे सरकार और संगठन की छवि प्रभावित हो रही है। अब भी कई लोग उचित फोरम पर अपनी बात रखने की बजाय सार्वजनिक बयानबाजी के जरिये विरोधाभास को तूल दे रहे हैं।
समरसता ही गठबंधन की काट
प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन से उत्पन्न हालात पर भी चर्चा हुई। सलाह दी गई कि मतदान का फीसद बढ़ाने के साथ समरसता से जुड़े कार्यक्रमों पर जोर देना होगा। समरसता तभी प्रभावी होगी जब आपस में बेहतर समन्वय होगा। ऐसे कार्यक्रमों से संदेश यह जाये कि हमारे लिए समाज का हर वर्ग समान रूप से उपयोगी है। किसी जाति विशेष को तरजीह देने का संदेश देने से बचना होगा। बैठक की अगुआई संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने की। इसमें पूर्वी क्षेत्र के प्रचारक अनिल के साथ चारों प्रांतों के पदाधिकारी और विचार परिवार के पदाधिकारी भी मौजूद थे। भाजपा की ओर से प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय बैठक में मौजूद थे।