
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली। राज्य सभा सदस्य पी एल पुनिया ने राज्यसभा में आज मनरेगा योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों का बकाया वेतन का मुद्दा उठाया।
श्री पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 37,000 ग्राम रोजगार सेवक हैं जिन्हें प्रतिमाह 6000 रूपए दिए जाते हैं। भारत सरकार के शासनादेश दिनांक 18 मार्च , 2009 के अनुसार ’’ग्राम पंचायत, जिला पंचायत एवं कार्यदायी संस्था इन सभी को सम्मिलित करते हुए योजना मद में जनपद स्तर पर जो धनराशि का व्यय किया जाएगा उसका 6 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय मद में खर्च किया जाएगा।’’ एवं ’’प्रशासनिक व्यय मद की धनराशि से सर्वप्रथम योजना के कार्मिकों का मानदेय का भुगतान किया जाएगा।’’
श्री पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इन नियमों का उल्लंघन करते हुए इनके वेतन का भुगतान न करके अन्य खर्चों को पहले पूरा किया जा रहा है। इस कारण हजारों ’ग्राम रोजगार सेवकों’ को 2017-18 से वेतन का भुगतान नहीं किया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 के 110 करोड एवं 2018-19 के 60 करोड का भुगतान बाकी है। जबकि अन्य मद में खर्च की जा रही राशि में भारी अनियमितताओं की शिकायतें हैं।
श्री पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य सभी राज्यों को निर्देश दिए जाये कि प्रशासनिक व्यय में सर्वप्रथम कार्मिकों का वेतन भुगतान हो एवं राज्यों द्वारा किए जा रहे अन्य व्यय का आॅडिट किया जाए तथा अनियमितताओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जायेें।