तहलका टुडे टीम/ सैयद मोहम्मद अली
लखनऊ: इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने 32 वर्षों की सफलताओं का जश्न मनाते हुए अपने स्थापना दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर चांसलर प्रो. सैयद वसीम अख्तर, प्रो-कुलाधिपति डॉ. सैयद नदीम अख्तर और कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने छात्रों को संबोधित किया। चांसलर वसीम अख्तर ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत और ईमानदारी की जरूरत होती है।
कार्यक्रम की शुरुआत छात्रों के स्वागत गीत से हुई, जिसके बाद चांसलर अज़रा वसीम ने कहा कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी सिर्फ एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक ऐसी बगिया है जिसकी खुशबू भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल रही है। प्रो-कुलाधिपति डॉ. सैयद नदीम अख्तर ने छात्रों को जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए प्रेरित किया।
आईसीएआर मान्यता प्राप्त करने वाला पहला संस्थान
इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIAST) को कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से प्रतिष्ठित आईसीएआर मान्यता प्राप्त हुई। प्रो. वसीम अख्तर ने इस मान्यता को विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह गर्व का क्षण है। प्रो-कुलाधिपति डॉ. सैयद नदीम अख्तर ने कहा कि इस मान्यता से संस्थान की प्रतिष्ठा और मजबूत होगी, जिससे उद्योग के प्रमुख सहयोगियों के साथ संबंध और गहरे होंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और मुशायरे का आयोजन
छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आयोजन में चार चाँद लगाए। इसके बाद एक विशेष ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन हुआ, जिसमें मशहूर शायर मंज़र भोपाली, उदय प्रताप सिंह, इक़बाल अशहर और अन्य शायरों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। मंसूर उस्मानी ने मुशायरे का संचालन किया।
सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर फुरकान क़मर, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, लेफ्टिनेंट जनरल ज़मीरुद्दीन शाह और सांसद तनुज पुनिया सहित कई विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया और विश्वविद्यालय की प्रगति की सराहना की। कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने संस्थापक प्रो. वसीम अख्तर के योगदान की प्रशंसा की और विश्वविद्यालय के प्रति समर्पण की भावना को दोहराया।
इस आयोजन के माध्यम से इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपनी शैक्षिक उपलब्धियों को रेखांकित किया और छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दी।