
नई दिल्ली । परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने माना है कि परिवहन विभाग के मोटर लाइसेंस ऑफिसर(एमएलओ) जनता की बात नहीं सुनते हैं। समस्या पर ध्यान देने की बात तो दूर, उनकी ई-मेल का जवाब तक नहीं देते हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के पास लगातार शिकायतें आ रहीं हैं कि एमएलओ लोगों की ई-मेल का जवाब नहीं देते। जवाब न मिलने से लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनकी शिकायत या सुझाव का क्या हुआ है।
शिकायतों को देखते हुए गहलोत ने विभाग के विशेष आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह सभी एमएलओ को आदेश दें कि वे प्रतिदिन आने वाली ई-मेल का जवाब 24 घंटे के अंदर दें।
इसके अलावा रोजाना आने वाली ई-मेल, उन्हें भेजे गए जवाब और जिन ई-मेल का जवाब नहीं दिया गया, उनका कारण क्या रहा यह रिपोर्ट विभाग को भेजें। साथ ही साप्ताहिक बैठक में पूरे सप्ताह की रिपोर्ट भी दें।
मंत्री ने कहा कि ई-मेल संवाद का एक जरिया है और इसके माध्यम से लोगों के सुझाव व शिकायतें आती हैं। यदि इनका समय पर निपटान किया जाए तो अधिकतर समस्याएं दूर की जा सकती हैं।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी तीन साल के कार्यकाल में भी परिवहन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों की अव्यवस्था को दूर नहीं कर सकी है। लाइसेंस बनवाना हो, खो जाने पर डुप्लीकेट लाइसेंस जारी करवाना हो या फिर वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) आदि से संबंधित कार्य हों, क्षेत्रीय कार्यालय में लगने वाली लाइनों में लगे-लगे ही कार्यालय का समय निकल जाएगा।
संबंधित कार्यालयों के एमएलओ बाहर निकल कर यह तक नहीं देखते हैं कि उनके यहां किस तरह जनता परेशान होती है। कोई हिम्मत कर उनके वातानुकूलित कार्यालय के अंदर पहुंच भी जाता है तो उसकी मदद नहीं होती है। एमएलओ सब कुछ जानते हुए भी शिकायतकर्ता को वहां से बिना किसी मदद के टाल देते हैं। ऐसे मामले रोज सभी एमएलओ कार्यालय में देखे जा सकते हैं। दलालों की सक्रियता भी देखी जा सकती है।