नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने नई टेलिकॉम पॉलिसी ‘नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन्स पॉलिसी 2018’ का मसौदा जारी कर दिया है, जिसका लक्ष्य साल 2022 तक 40 लाख नए रोजगार पैदा करने के साथ साथ सेक्टर में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित करना भी है। साथ ही नई दूरसंचार नीति के मसौदे में देश के प्रत्येक नागरिक को 50 mbps ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस नई टेलिकॉम पॉलिसी के मसौदे में कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र को मुश्किल से उबारने के लिए प्रतिबद्धता भी जताई गई है। इसके लिए दूरसंचार कंपनियों की लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क, सार्वभौमिक सेवादायित्व कोष के शुल्क की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि इन सभी शुल्कों के चलते दूरसंचार सेवा की लागत बढ़ती है।
नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन्स पॉलिसी के मसौदे (ड्रॉफ्ट) में कहा गया है कि इसका उद्देश्य डिजिटल कम्युनिकेशन्स सेक्टर में 40 लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा करना और सभी के लिए ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध करवाना है। साथ ही इसका उद्देश्य डिजिटल कम्युनिकेशन्स का योगदान के जीडीपी के अनुपात में 8 फीसद तक ले जाना है, जो कि साल 2017 में 6 फीसद रहा था।
नई नीति के तहत, सरकार का उद्देश्य 50 फीसद घरों में निश्चित लाइन ब्रॉडबैंड पहुंच को सक्षम बनाना और लैंडलाइन पोर्टेबिलिटी सेवाएं शुरू करना है। साथ ही इसमें हर नागरिक को 50 mbps की ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने के साथ, 2020 तक देश की सभी ग्राम पंचायतों को 1 gbps और 2022 तक 10 gbps ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया है।