नई दिल्ली । आयकर भरने वालों के लिए विभाग ने नया आईटीआर फॉर्म जारी किया है। यह फॉर्म वित्तीय वर्ष 2018-19 से लागू होगा। नए फॉर्म में आयकरदाताओं से ज्यादा जानकारियां मांगी गई हैं। सैलरी स्ट्रक्टर और प्रॉपर्टी से होने वाली आय को लेकर फॉर्म में ज्यादा जानकारियां मांगी गई हैं। यह फॉर्म हालांकि एक पन्ने का है और उसका नाम आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) है, जिसे आयकर विभाग ने अधिसूचित कर दिया है। विभाग के अनुसार, आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) को कोई भी नागरिक भर सकता है, जिसकी आय 50 लाख रुपए सालाना तक है और यह आय वह सैलरी, प्रॉपर्टी या फिर अन्य स्रोतों (ब्याज़ आदि) से प्राप्त कर रहा हो। पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में एक पन्ने के आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) को नोटिफाई किया गया था। विभाग का कहना है कि इससे करीब तीन करोड़ आयकरदाताओं को फायदा पहुंचा था। अशोक माहेश्वरी एंड एसोसिएट में टैक्स और रेगुलेटरी के निदेशक संदीप सहगल का कहना है कि फॉर्म में बदलाव किए गए हैं, ताकि इसमें सैलरी और संपत्ति से होने वाली आय को शामिल किया जा सके, जैसा कि अन्य फॉर्म में होता था। इसलिए कहा जा सकता है कि फॉर्म की सहजता के साथ कुछ समझौता हुआ है। इसमें बिजनेसमैन और पेशेवर लोगों के जीएसटीएन और जीएसटी रिटर्न के हिसाब से टर्नओवर को भी शामिल किया गया है। इसलिए इसमें आय की सही जांच करने की कोशिश की गई है। इस बार सहज फॉर्म में करदाता की सैलरी डिटेल में मांगी गई है, जैसे एलाउंसेस जो आयकर में छूट के दायरे में नहीं आते हैं, उनकी भी जानकारी देनी होगी। सेक्शन 16 के तहत सैलरी और डिडक्शन के एवज में लिए गए लाभ की जानकारी देनी होगी। 31 जुलाई तक लोग अपना आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं।