नई दिल्ली । सीलिंग अभियान के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किए जाने पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा ऐतराज जताया। कोर्ट ने कहा कि इससे सरकार के मुखिया के दफ्तर की गरिमा कम होती है। ऐसी चीजों को सख्ती से हतोत्साहित किया जाना चाहिए। हालांकि कोर्ट ने शाहदरा से भाजपा विधायक ओपी शर्मा और पार्षद गुंजन गुप्ता को सीलिंग के कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए कोर्ट की अवमानना के आरोप से मुक्त कर दिया है।
ये आदेश न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली सीलिंग मामले में सुनवाई के दौरान दिए। कोर्ट ने कहा कि वास्तविकता यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का सीलिंग मामले से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इसके अलावा भी ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के समर्थक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा वाले बैनर और पोस्टर लेकर चलें।