
तहलका टुडे टीम/प्रदीप वत्स
लखनऊ-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इसमे कोई शक नही सोच ईमानदार है और काम भी दमदार है लेकिन उनके सहयोगी कैबिनेट मंत्रियों की हरकतें भाजपा सरकार को शर्मसार करने के लिए काफी है,आज कल सत्ता के गलियारों में कभी बहन जी के बेहद करीबी रहे अल्पसंख्यक वक़्फ़ के अलावा कई विभागों के मंत्री नंद गोपाल नंदी चर्चा का विषय बने है,माफिया गिरी पर लगाम लगाने के लिए मदरसा माफियाओ की हरकतो की जांच एसआइटी की रिपोर्ट आने के बाद भी साल भर से उसको दबा कर अधिकारियो और कर्मचारियों को बचाने में रहे है।
मालूम हो एसआईटी लखनऊ द्वारा जनपद आजमगढ़ में राज्यानुदानित 20 मदरसों में अनियमित नियुक्ति प्राप्त शिक्षक / शिक्षणेत्तर में कर्मचारियों के संबंध में जॉच की गयी, जॉचोपरान्त एसआईटी लखनऊ के जाँच अधिकारी द्वारा अन्तिम जॉच आख्या प्रस्तुत की गयी।
विशेष अनुसंधान दल एसआईटी लखनऊ के जाँच अधिकारी की अन्तिम जाँच आख्या को शासन स्तर पर गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के अवलोकनार्थ एवं निर्णय हेतु प्रेषित की गई थी जिसमे शासन स्तर पर लिए गए निर्णय के अनुसार एसआईटी. अग्रेतर कार्यवाही की बात कही थी,
इस रिपोर्ट में परशुराम सिंह विशेष अनुसंधान दल के अधिकारी ने लिखा था कि मदरसा बोर्ड में नियुक्त रहे रजिस्ट्रार एवं सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारीगण की भूमिका संदिग्ध पायी गयी। अनियमित नियुक्ति करते हुए देय वेतन के रूप में शासकीय धन की क्षति कारित किये जाने से प्रथम दृष्टया अपराध सृजित होना पाया जा रहा है। अतः उपरोक्त के विरूद्ध धारा 409 / 420 / 120बी भादवि का अभियोग पंजीकृत किये जाने की संस्तुति की जाती है।
राहुल गुप्ता सचिव / कार्यपालक अधिकारी, उ०प्र० राज्य हज समिति, अल्प संख्यक कल्याण निदेशालय, तत्कालीन रजिस्ट्रार, मदरसा बोर्ड, शेष नाथ पाण्डेय, संयुक्त निदेशक, अल्प संख्यक कल्याण विभाग, द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए बिना सत्यापन के त्रिसदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को निक्षेपित कर दिया गया। समस्त शासकीय नियमावलियों की देखरेख और इनका सम्यक अनुपालन कराना ही अल्प संख्यक कल्याण निदेशालय की जिम्मेदारी है। उपरोक्त दोनो रजिस्ट्रारों द्वारा अपने उत्तर दायित्व का निर्वहन करने में कोई रुचि नहीं लिया गया, जो शिथिल पर्यवेक्षण का द्योतक है। अतः इनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने की संस्तुति की जाती है।
लेकिन ये रिपोर्ट विभाग में आने के बाद बड़े सौदे हो गये और इस फ़ाइल पर कार्यवाही को दबा दिया गया,
जिसका इल्ज़ाम सत्ता के गलियारों में मंत्री नंद गोपाल नंदी के सर मढ़ा जाने लगा।
इस पूरे मामले में मंत्री नंदी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन नही उठा।
मालूम वक़्फ़ और मदरसा माफिया प्रदेश में इतना एक्टिव और पकड़ वाले है कि खुले आम दावा करते है मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ,प्रमुख सचिव मनोज सिंह ,बी एल मीना,के रविन्द्र नायक ने इन पर हाथ डालने की कोशिश की तो उन सबको हटवा दिया।
वही सेव वक़्फ़ इंडिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को पत्र लिखकर पूरे मामले में दोषी अधिकारियों पर एस आई टी की जांच पर मुकदमा दर्ज कर गैंगस्टर की कार्यवाही कर जेल में ठूसने के साथ इनके द्वारा अर्जित की करोड़ो की संपत्तियों ज़ब्त करने की मांग की गई।