तहलका टुडे टीम/रिज़वान मुस्तफ़ा
नई दिल्ली. कांग्रेस से भाजपा में आकर बने नगर विमानन मंत्री राहुल गांधी के दोस्त रहे ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने चंद दिन में यात्रियो का छीन लिया है सुकून,यात्रियो को नियम कानून के नाम पर जमकर उगाही की जा रही है,जांच के नाम पर बड़ी रकम की डिमाण्ड ना पूरी होने पर उत्पीड़न की हदें पार की जा रही है,सारा खेल प्राईवेट करण के चलते ज़ियादा बदनामी का सबब बन रहा है,
मालूम हो कोरोना महामारी आने के बाद हवाई यात्राओं पर जाने वालों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत अपनी हर यात्रा से पहले अपना कोरोना टेस्ट (आरटीपीसीआर) कराना है. जो लोग संक्रमित हुए थे या फिर जो संक्रमित नहीं हुए थे सभी को अपनी टेस्ट रिपोर्ट हवाई अड्डे पर दिखानी होगी. इसी रिपोर्ट के बाद हवाई टिकट हासिल होगा.
- आरटीपीसीआर टेस्ट के मामले में सबसे बड़ी दिक्कत उन लोगों के लिए है जो कोविड से उबर चुके हैं लेकिन उनकी टेस्ट रिपोर्ट अब भी पॉजिटिव ही आ रही है. उन्हें कोरोना नहीं है लेकिन वह जहाज़ पर सफ़र नहीं कर सकते. कर्नाटक की टेक्निकल एडवायजरी कमेटी ने कहा है कि जो लोग कोरोना से उबर चुके हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है ऐसे लोग अपनी क्लीनिकल रिपोर्ट बनवाएं. इस रिपोर्ट में विशेषज्ञ डॉक्टर यह लिखेगा कि इस व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण नहीं है. इस रिपोर्ट के आधार पर उस व्यक्ति को भी हवाई यात्रा की अनुमति मिल जायेगी जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
कर्नाटक की टेक्निकल एडवायजरी कमेटी ने यह फैसला कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के इस एतराज़ के बाद लिया कि जो व्यक्ति कोरोना से उबर चुका है लेकिन उसकी रिपोर्ट फिर भी पॉजिटिव आ रही है और वह इस वजह से हवाई यात्रा नहीं कर सकता है जबकि वह कोरोना संक्रमित नहीं है. इस समस्या की वजह से कई यात्री विदेश से इण्डिया नहीं आ पा रहे हैं.
एक अंग्रेज़ी अखबार के मुताबिक़ इस एडवायजरी कमेटी का कहना है कि रिकवरी के बाद भी रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मतलब है कि शरीर में अब भी कुछ प्रभाव बचा हुआ है. ऐसे लोगों में न तो कोरोना का कोई लक्षण होता है और न ही ऐसे लोग किसी को संक्रमित ही कर सकते हैं. ऐसे मामले हालांकि बहुत कम होते हैं लेकिन ऐसे लोगों को हवाई यात्रा में दिक्कत आती है.
ये यात्री अगर मुहँ मांगी रकम अदा कर देते है जो 4 हज़ार के आसपास होती है दे देते है तो क्लीन चिट मिल जाती,नही देने पर जम कर उत्पीड़न किया जा रहा है।
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नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के कार्यालय से संपर्क किया गया लेकिन किसी ने भी बात कराने की ज़िम्मेदारी नही समझी ।