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तहलका टुडे डेस्क
नई दिल्ली -बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी समेत 5 आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत ने बरी कर दिया है। यूपी के गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से तत्कालीन बीजेपी विधायक राय को 29 नवंबर 2005 को उस वक्त गोलियों से भून दिया गया था, जब वह सियारी नाम के गांव में एक क्रिकेट टूर्नमेंट का उद्घाटन करके लौट रहे थे। राय समेत 7 लोगों की मौत हुई थी। हमेशा बुलेटप्रूफ गाड़ी से चलने वाले राय उस दिन बुलेटप्रूफ गाड़ी में नहीं थी।
हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी पर लगा था। मुन्ना बजरंगी की कुछ साल पहले जेल में हत्या हो गई थी। कोर्ट ने अंसारी और मुन्ना बजरंगी समेत 5 आरोपियों को बरी कर दिया। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था।
कृष्णानंद राय के भाई रामनारायण राय ने कोर्ट में बयान दिया था कि 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के सियारी गांव में क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने के बाद राय अपने गनर निर्भय उपाध्याय, ड्राइवर मुन्ना यादव, रमेश राय, श्याम शंकर राय, अखिलेश राय और शेषनाथ सिंह के साथ कनुवान गांव की ओर जा रहे थे। राम नारायण राय के मुताबिक वह खुद दूसरे लोगों के साथ एमएलए की गाड़ी से पीछे चल रही गाड़ी में सवार थे। बासनिया छत्ती गांव से डेढ़ किलोमीटर आगे जाने पर सिल्वर ग्रे कलर कर टाटा सूमो सामने से आती हुई नजर आई। सूमो से निकले सात-आठ लोगों ने एमएलए की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। उस गाड़ी में सवार सातों लोग मारे गए।
राम नारायण राय ने कोर्ट में बताया था कि फायरिंग के दौरान हमलावर बोल रहे थे कि ‘मारो इसे, अफजाल भाई और मुख्तार भाई को बहुत तंग कर रखा है’। राय के मुताबिक हत्याकांड के बाद हमलावरों ने एमएलए की चोटी भी काटी थी। राय ने यह भी बयान दिया कि फायरिंग मुन्ना बजरंगी उर्फ प्रेम प्रकाश सिंह, अता उर रहमान उर्फ बाबू, एजाज उल हक, फिरदौस और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने की थी।