
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का अंदाज़ और अखलाक ही निराला है देश के 30 करोड़ अल्पसंख्यक जहाँ उनसे काफी मुतास्सिर है वही उनको देखने मिलने के लिए बेताब भी रहते है। देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों के “हुनर को हौसले का हब” बना “हुनर हाट” का आज भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, प्रगति मैदान, में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 14 से 27 नवम्बर का औपचारिक उद्धघाटन कर अपनी तकरीर से दस्तकारों हुनर मंदो का दिल जीत लिया, इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री किरेन रिजिजू, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव प्रमोद कुमार दास एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस “हुनर हाट” का आयोजन आईआईटीएफ, प्रगति मैदान के हॉल नं. 7 सी में किया जा रहा है। इस “हुनर हाट” में देश भर के लगभग सभी राज्यों से महिला दस्तकारों सहित शिल्पकार, दस्तकार भाग ले रहे हैं।
इस मौके पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा देश के अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किये जा रहे “हुनर हाट” में जहाँ एक ओर लाखों लोग आ कर कारीगरों, दस्तकारों की हौसलाअफजाई कर रहे हैं वहीँ प्रत्येक “हुनर हाट” में दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी हस्तनिर्मित दुर्लभ उत्पादों की करोड़ों रूपए की बिक्री भी हो रही है। दस्तकारों, शिल्पकारों के साथ-साथ इनमे से हर एक कारीगर/दस्तकार से जुड़े लगभग 100 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि 2019-2020 में आयोजित होने वाले सभी “हुनर हाट”, “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के थीम पर आधारित होंगे। अगला “हुनर हाट” मुंबई में 20 से 31 दिसंबर, 2019 तक आयोजित किया जायेगा।
श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 5 वर्षों में दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी हुनर को बाजार की जरूरतों के हिसाब से तराशने एवं प्रोत्साहित करने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय सभी राज्यों में “हुनर हब” स्थापित करने के मिशन पर तेजी से काम कर रहा है। मोदी सरकार-2 के पहले 100 दिनों में ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग हिस्सों में 100 “हुनर हब” स्वीकृत किये हैं। इन “हुनर हब” में दस्तकारों, शिल्पकारों, पारम्परिक खानसामों को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाएगी। उनके हुनर को और निखारा जायेगा।
श्री नकवी ने कहा कि “हुनर हाट”, दस्तकारों/शिल्पकारों का “एम्पावरमेंट एक्सचेंज” साबित हुआ है। पिछले 3 वर्षों में देश के प्रसिद्द आर्थिक केंद्रों में आयोजित एक दर्जन से ज्यादा “हुनर हाट” के जरिये 2 लाख 50 हजार से ज्यादा कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों, खानसामों और उनसे जुड़े हुए लोगों को रोजगार और रोजगार के मौके मुहैया कराये हैं जिनमे बड़ी संख्या में महिला कारीगर भी शामिल हैं। अगले 5 वर्षों में मोदी सरकार “हुनर हाट” के माध्यम से लाखों “हुनर के उस्ताद” कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों और पारंपरिक खानसामों को रोजगार और रोजगार के मौके मुहैया कराएगी।
भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में आयोजित इस “हुनर हाट” में कारीगर हस्तनिर्मित दुर्लभ उत्पाद लाये हैं जिनमे आंध्र प्रदेश, यूपी, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार तथा अन्य राज्यों से बाटिक, बाघ प्रिंट, बंधेज, बाड़मेर एप्लिक, केन, कारपेट, चंदेरी, चिकनकारी, कॉपर बेल प्रोडक्ट, गोल्डन ग्रास, हैंडलूम और होम फर्निशिंग इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा वुडन धोकरा क्राफ्ट (झारखंड), शिबोरी (गुजरात), ढकाई सिल्क (पश्चिम बंगाल) और ब्लैक मेटल आर्ट (छत्तीसगढ़) के उत्पाद पहली बार प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जो आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे।
आने वाले दिनों में “हुनर हाट” का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, अहमदाबाद, देहरादून, पटना, इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, हैदराबाद, पुडुचेर्री, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, भुबनेश्वर, अजमेर आदि में किया जायेगा।
इस मौके पर हुनर हाट में आये स्टाल लगाए मोहम्मद अजमल काफी खुश थे उन्होंने शायराना अंदाज़ में कहा
हुनर तो सबमें होता है फर्क सिर्फ़ इतना आता है
किसी का छिप जाता है तो किसी का छप जाता हैं