सरकार को चुना लगाने वाले मिल जाएंगे गली गली,लेकिन ओवैस की टेक्नोलॉजी ने घर मे टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर करोड़ो रूपये डकारने वाली संचार कंपनियों में मचा दिया हड़कंप,लेकिन पुलिस,खुफिया एजेंसी से लेकर BSNL के हैरतज़दा अधिकारियों ने उसके दिमाग की दिया दाद,
तहलका टुडे टीम
मुरादाबाद-भारत की जुगाड़ टेक्नोलॉजी का कोई जवाब नही है,डुप्लीकेट स्पेयर पार्ट्स,खाद्य सामग्री बेचने वाले तो आपके सामने है वही इनकमटैक्स जीएसटी की चोरी कर सरकार का सैकड़ो करोड़ का चूना लगाने वाले गली गली मिल जाएंगे,कोई भी चूकना नही चाहता उसमे पुलिस और नौकर शाह भी रहते है शामिल,सरकार के नियमो कानून संविधान की भर्ष्टाचार के भेंट चढ़ते हम आप रोज देखते है।इसी बीच मे भैंसा खाने वाले मुरादाबाद के ओवैस का दिमाग की नसें ऐसा फड़की की घर पर ही पूरा टेलिफोन एक्सचेंज लगा कर संचार विभाग के माफियाओ और लुटेरी कंपनियों के पसीने छुड़ा दिये।वैसे गैर कानूनी हरकत पर पुलिस ने ओवैस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लेकिन उसके दिमाग के जुगाड़ को भी मान लिया है।
मालूम हो नोएडा में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करके सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने वाले ओवेस आलम के घर से बीएसएनएल के 187 सिम और सात सिम बॉक्स मिले हैं। पुलिस की कहानी के मुताबिक एक सिम बॉक्स से एक साथ 15 सिम से आने वाली कॉलों को संचालित किया जा सकता है। इनका इस्तेमाल करके ही वह विदेशी कॉल को लोकल में तब्दील कर लेता था।सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अनिल यादव ने बताया कि पुलिस और दूर संचार विभाग की संयुक्त टीमों ने शनिवार को मझोला थानाक्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित ओवेस के घर पर दबिश दी। ओवेस के घर का नजारा देखकर टीमें हैरान रह गईं। ओवेस ने अपने घर में टेलीफोन एक्सचेंज जैसा पूरा सिस्टम लगा रखा था। तलाशी में मिले सिम बॉक्स के बारे में तकनीकी टीम ने स्पष्ट किया एक सिम बॉक्स से एक साथ 15 लाइनें (फोन कॉल) ऑपरेट की जा सकती हैं। ओवेस के घर से सात सिम बॉक्स मिले हैं। इसके अलावा 187 सिम कार्ड मिले हैं। सभी सिम कार्ड बीएसएनएल के हैं। इसके अलावा अन्य कई छोटे उपकरण भी बरामद हुए हैं।एएसपी ने कहा कि इन सिम कार्डों और सिम बॉक्स का इस्तेमाल वह विदेशी कॉल को लोकल में तब्दील करने के लिए करता था। उक्त सामान को जब्त करके उसके खिलाफ मुरादाबाद के मझोला थाने में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और भारतीय तार अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। उसके घर से किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
ये सामान हुआ बरामद
– बीएसएनएल के 187 सिम
– सात सिम बॉक्स
– एक लैपटॉप
– एक यूपीएस
– आठ छोटी बैटरी
– 11 सीपीयू
– चार ऑपटिकल नेटवर्क टर्मिनेटर
– दस टीएफटी मानिटर
– आठ कीबोर्ड
– आठ माउस
– दस पावर केबिल
– दो हार्डडिस्क
– 224 स्प्रिल एटिल
– नेटवर्किंग केबल
– दो मोबाइल फोन
– पांच राउटर
– चार एक्सटेंशन बोर्ड
– एक डायरी
– ओवेस आईएलई इंडिया कंपनी नाम से आईडी
फर्जी नाम-पते पर लिए गए थे सिम
मुरादाबाद। पुलिस को ओवेस आलम के घर से मिले बीएसएनएल के 187 सिम फर्जी नाम-पते पर लिए गए थे। इनमें से 162 नंबरिंग और 25 बिना नंबरिंग के सिम हैं। जांच पड़ताल में पता चला है कि इन सिमों के जरिए ही वह विदेशी कॉलों को लोकल लाइन पर ट्रांसफर कराकर बातचीत कराते थे। ब्यूरो
मुरादाबाद से भी विदेशों में कराई जाती थीं कॉल
मुरादाबाद। फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन करने वाला ओवेस आलम मुरादाबाद के लोगों की भी विदेशों में बात करता था। पुलिस और दूरसंचार विभाग की संयुक्त टीम की अब तक की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। पता चला है कि मौके से जो सिम बरामद हुए हैं। इनके जरिए ही विदेशों में बात कराई जाती थी।
तीन दिन से चल रही थी पुलिस आईबी और एलआईयू की जांच
मुरादाबाद। नोएडा में ओवेस के मंगलवार को पकड़े जाने के बाद से मुरादाबाद में पुलिस के अलावा एलआईयू और आईबी टीमें तीन दिन से अपने अपने स्तर से जांच पड़ताल में जुटी थीं। उनकी जांच पड़ताल पूरी होने और घर से सामान बरामद करने के बाद ही पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है।
वैसे पुलिस की गली गली दूर संचार कंपनियों के ऐक्टिवेटड सिम की बिक्री पर रोक लगाने के दावे भी जीरो साबित हो रहे है।
ओवैस आलम का दिमाग चाहे जितना तेज़ रहा हो,लेकिन गैर कानूनी कृत्य के चलते अब कुछ दिन जेल में सोचना होगा