तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली. मी टू कैम्पेन के तहत यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर रविवार सुबह नाइजीरिया यात्रा से लौट आए। दोपहर बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। अकबर ने कहा कि वह कानूनी कदम उठाएंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही ऐसा क्यों किया जा रहा है? क्या इसके पीछे कोई एजेंडा है। अकबर पर 10 महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
वायरल फीवर की तरह फैल रहे हैं बेबुनियाद आरोप- अकबर उन्होंने कहा कि कुछ हिस्सों में बिना सबूतों वाले आरोप वायरल फीवर की तरह फैल रहे हैं। ये झूठे और बेबुनियाद हैं। दुर्भावना के चलते आरोपों में तड़का लगाया जा रहा है। मैं आधिकारिक यात्रा पर बाहर गया था और इसीलिए आरोपों का जवाब नहीं दे पाया। इन आरोपों से मेरी छवि को ऐसा नुकसान पहुंचा है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।
पूल पार्टी का आरोप, लेकिन मुझे स्वीमिंग आती नहीं: केंद्रीय मंत्री ने कहा- आरोप लगाने वाली एक महिला ने कहा कि मैंने कभी उसे हाथ नहीं लगाया। दूसरी ने कहा कि उन्होंने वास्तव में कुछ नहीं किया। एक महिला ने कहा कि मैं स्वीमिंग पूल में पार्टी कर रहा था। मुझे ये भी नहीं पता कि तैराकी कैसे की जाती है। एक महिला ने दफ्तर में शोषण के आरोप लगाए। ये 21 साल पहले का मामला है, यानी मेरे राजनीति में शामिल होने से 16 साल पहले का, जब मैं मीडिया में था।
आरोप उकसावे में लगाए गए: उन्होंने कहा कि मैंने उस महिला के साथ केवल एशियन एज के दफ्तर में काम किया। तब एडिटोरियल टीम एक छोटे से हॉल में काम करती थी। जिस समय की बात हो रही है, मेरा एक बहुत छोटा क्यूबिकल था। प्लाइवुड और ग्लास से बना। 2 फीट की दूरी पर दूसरों के पास कुर्सियां और मेज थीं। ये बेहद अजीब है कि इतनी छोटी जगह में कुछ हो सकता है। इससे भी बड़ी बात कि नजदीक के लोगों को कुछ भी पता नहीं चला।
मेरे साथ काम करती रहीं महिलाएं: ये उकसावे में लगाए गए झूठे और बेबुनियाद आरोप हैं। जिस समय की घटना का जिक्र किया गया है, उसके बाद भी दोनों पत्रकार मेरे साथ काम करती रहीं। इससे साफ होता है कि उन्हें कोई आशंका या असहजता नहीं थी। इतने समय तक वे चुप क्यों रहे, इसका कारण स्पष्ट है। जैसा कि एक महिला ने खुद कहा कि मैंने कभी कुछ नहीं किया।
ये सब आम चुनाव से पहले क्यों शुरू हुआ: अकबर ने कहा- कुछ हिस्सों में मेरे खिलाफ बिना साक्ष्यों के आरोप वायरल फीवर की तरह फैल रहे हैं। जो भी मामला हो, अब मैं लौट आया हूं; मेरे वकील इन बेबुनियाद आरोपों पर कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं। ये तूफान आम चुनाव से कुछ महीने पहले क्यों शुरू हुआ? क्या इसके पीछे कोई एजेंडा है। आप जज हैं। इन बेबुनियाद आरोपों ने मेरी छवि को ऐसा नुकसान पहुंचाया है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।